डड्डूमाजरा गारबेज प्लांट को निजी हाथों में सौंपने के लिए एमसी ने निकाला नोटिस
इसमें कंपनियां अपना अपना प्रपोजल देंगी जिसका प्रपोजल पंसद आएगा उसे नगर निगम प्लांट चलाने को देगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : डड्डूमाजरा स्थित गारबेज प्लांट चलाने में नगर निगम पूरी तरह से असमर्थ है। ऐसे में नगर निगम ने प्लांट को अपग्रेड करने और रखरखाव के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट निकाला है। इसमें कंपनियां अपना अपना प्रपोजल देंगी, जिसका प्रपोजल पंसद आएगा उसे नगर निगम प्लांट चलाने को देगी। एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के लिए निकाले गए नोटिस में नगर निगम ने कहा है कि 25 जनवरी तक इच्छुक कंपनियां अपना प्रपोजल दे।
साल 2008 में इस दस एकड़ में बने प्लांट को जेपी कंपनी चला रही थी, लेकिन पिछले साल जून माह में नगर निगम ने इस प्लांट को अपने हाथों में लिया था। तब से नगर निगम खुद ही प्लांट चला रहा है। आइआइटी रुड़की की टीम से भी प्लांट का निरीक्षण करवाया, जिन्होंने कहा कि गारबेज प्लांट को मशीनरी कंडम हो चुकी है, जिसे अपग्रेड करने की जरूरत है। नगर निगम की ओर से जो नोटिस निकाला गया है उसके अनुसार इच्छुक कंपनी को लेटेस्ट तकनीक का प्रयोग करके प्लांट को अपग्रेड करना होगा।
मालूम हो कि पिछले साल दिसंबर माह में राजबाला मलिक के कार्यकाल में हुई अंतिम सदन की बैठक में प्लांट को फिर से निजी हाथों में देने का पब्लिक नोटिस निकालने का प्रस्ताव पास किया गया था। इसके बाद अब एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के लिए नोटिस निकाला गया है।
नहीं हुआ सुधार, 80 टन कचरा ही हो रहा है प्रोसेस
जब से नगर निगम ने गारबेज प्लांट पर कब्जा करते हुए जेपी कंपनी को बाहर किया है तब से नगर निगम खुद ही प्लांट चला रहा है। लेकिन प्लांट उसी तरह से ही चल रहा है, जिस तरह से जेपी कंपनी चलाती थी। इस समय शहर से प्रतिदिन 480 टन कचरा निकलता है, लेकिन प्लांट मुश्किल से 80 टन कचरा ही प्रोसेस कर पा रहा है। जबकि इस समय खुद प्लांट चलाने से नगर निगम का हर माह लाखों रुपये का खर्चा भी बढ़ गया है। कमिश्नर केके यादव का कहना है कि एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट निकालकर कंपनियों के आवेदन मांगे गए हैं। 75 हजार टन कचरा हो चुका है प्रोसेस
स्मार्ट सिटी के तहत डपिग ग्राउंड में पड़े पांच लाख टन कचरे को प्रोसेस करने का काम शुरू हुए एक साल का समय हो गया है। 34 करोड़ की लागत से यहां का कचरा प्रोसेस किया जा रहा है। अभी तक 75 हजार टन कचरा प्रोसेस हो चुका है। जेपी कंपनी से प्लांट का कब्जा लेने के लिए नगर निगम को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी, लेकिन अब फिर से नगर निगम निजी हाथों में प्लांट सौंप रहा है।