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नए साल में हर किसी पर पड़ेगा बोझ, बढ़े हुए गारबेज कलेक्शन चार्जेज लेगा एमसी

बढ़े हुए गारबेज कलेक्शन चार्जेज भी शहरवासियों से वसूल किए जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 10:45 PM (IST)
नए साल में हर किसी पर पड़ेगा बोझ, बढ़े हुए गारबेज कलेक्शन चार्जेज लेगा एमसी
नए साल में हर किसी पर पड़ेगा बोझ, बढ़े हुए गारबेज कलेक्शन चार्जेज लेगा एमसी

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन सोसायटी को अपनी शर्तो के तहत मनाने के बाद अब यह भी तय हो गया है कि बढ़े हुए गारबेज कलेक्शन चार्जेज भी शहरवासियों से वसूल किए जाएंगे। यह बढ़े हुए चार्जेज नए साल में फरवरी माह से चार्ज होने शुरू हो जाएंगे। नगर निगम ने यह चार्जेज लोगों के घरों के पानी के बिल में शामिल करके भेजने का निर्णय लिया है। ऐसे में अब उन लोगों के भी पानी के बिल के साथ हर माह यह शुल्क जुड़कर आएगा जो अपने घर का कचरा गारबेज कलेक्टर को नहीं भी देते हैं। ऐसे में बढ़े हुए चार्जेज लागू होने से शहरवासियों पर भी हर माह बोझ बढ़ जाएगा।

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इस समय शहर में नहीं कोई नीति

इस समय पूरे शहर में गारबेज कलेक्शन चार्जेज करने की कोई एक नीति नहीं है। पूरे शहर के अलग-अलग कैटेगरी के लिए नगर निगम ने गारबेज कलेक्शन चार्जेज के रेट साल 2018 में ही तय कर लिए थे लेकिन सूखे और गीले कचरे का सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू न होने के कारण इसे चार्ज नहीं किया जा रहा था। लेकिन शनिवार को हुई सेनिटेशन कमेटी की बैठक में गारबेज कलेक्शन सोसायटी के प्रतिनिधियों ने यह शर्त मान ली है कि वह नगर निगम द्वारा खरीदी गई गाड़ियों में तैनात होकर सेग्रीगेशन करेंगे। सारी राशि कलेक्टरों को मिलेगी

पानी के बिल में गारबेज कलेक्शन चार्जेज वसूलने के बाद यह सारी राशि कलेक्टरों को ही दी जाएगी। इस समय अलग-अलग कलेक्टर अलग-अलग एरिया में घरों से कचरा इकट्ठा कर रहे हैं। हर कलेक्टर से उनके घरों की सूची मांगी गई है। उस हिसाब से उनका भुगतान कर दिया जाएगा। ऐसे में पहले के मुकाबले में गारबेज कलेक्टरों को फायदा भी ज्यादा होगा क्योंकि बढ़े हुए चार्जेज उन्हें ही मिलेंगे।

नए साल में डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन के यह रेट होंगे चार्ज

कैटेगरी शुल्क (रुपये में)

रिहायशी एरिया

50 गज तक 50

100 गज तक 100

250 गज तक 200

250 गज से ऊपर एक कनाल तक 250

एक कनाल से ऊपर के घर तक 300

स्ट्रीट वेंडर 100

दुकानें, इटिग ज्वाइंट्स 500

गेस्ट हाउस, धर्मशाला और भवन 2000

हॉस्टल 2000

50 लोगों का रेस्तरां 2000

50 लोगों के ऊपर का रेस्तरां 3000

होटल (बिना स्टार वाले) 2000

तीन सितारा होटल 3000

कम्युनिटी सेंटर में प्रति शादी एक हजार

तीन सितारा से ऊपर के होटल 5000

सरकारी कार्यालय, बैंक, शिक्षा संस्थान 2000

क्लीनिक, डिस्पेंसरी, लैब (50 बेड तक) 2000

क्लीनिक, डिस्पेंसरी, लैब(50 बेड से ऊपर तक) 4000

स्माल और कॉटेज इंडस्ट्री, वर्कशॉप 3000

गोदाम, कोल्ड स्टोरेज 5000

क्लब, सिनेमा, पब, मल्टीप्लेक्स 4000

नाम व्यावसायिक, धार्मिक, चेरिटेबल संस्थान 2000

अन्य स्थल नगर निगम कमिश्नर करेंगे तय 20 रुपये किलो के हिसाब से लेंगे गारबेज

जो बल्क में गारबेज निकालते हैं और अगर वह मौके पर प्रोसेस करने का प्लांट नहीं लगा पाते हैं तो नगर निगम ऐसे संस्थानों से 20 रुपये किलो के हिसाब से गारबेज लेगा। यह कचरा नगर निगम अपने प्लांट में प्रोसेस करवाएगा। गारबेज कलेक्टरों को अब पहले से ज्यादा मुनाफा होगा। एक तो नए गारबेज कलेक्शन चार्जेज होंगे और जो लोग हर माह इसका भुगतान नहीं करते हैं, उन्हें भी यह भुगतान करना होगा। हर किसी के लिए चार्जेज देना अनिवार्य है। सूखा कचरा बेचकर जो कमाई होगी। उसका भुगतान भी कलेक्टरों को किया जाएगा। सेग्रीगेशन सिस्टम को प्रभावी तरीके से लागू करवाया जाएगा। सोसायटी के प्रतिनिधियों से जो शर्ते तय हुई हैं, उसे इस माह होने वाली विशेष सदन की बैठक में चर्चा के लिए लेकर जाएंगे।

-राजेश कालिया, मेयर, नगर निगम


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