नानी ने रखा था सरदार नाम, दोस्तों ने बनाया सरदारा
पद्मश्री और अर्जुन अवार्ड विजेता हॉकी खिलाड़ी सरदारा सिंह ने एक स्कूल के मॉडल यूनाइटेड नेशन कांफ्रेंस में खुलकर बात की। उन्होंने अपने और पंजाबी युवाओं के बारे में बताया।
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। यूरोप दौरे पर खेलने जा रही भारत हॉकी टीम में इस बार छह नए खिलाड़ी शामिल किए हैं। बैंगलोर में लगे कैंप में 32 खिलाड़ियों ने अभ्यास किया था। इसी दौरान तय किया गया कि इस टूर में नए खिलाड़ियों को मौका दिया जाएगा जो काफी समय से राष्ट्रीय स्तर शानदार खेल रहे हैं। यह कहना है हॉकी के सीनियर खिलाड़ी व पूर्व कप्तान सरदार सिंह का। वे चंडीगढ़ के सैक्टर 26 में स्थित स्ट्राबेरी फील्ड स्कूल में स्टूडेंट्स की ओर से आयोजित मॉडल यूनाइटेड नेशन कांफ्रेंस के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने आए थे।
पद्मश्री और अर्जुन अवार्ड विजेता सरदारा सिंह ने बताया कि आगे एशिया कप, हॉकी वल्र्ड कप और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसी बड़ी प्रतियोगिताएं हैं, ऐसे में बेस्ट टीम के चयन के लिए खिलाड़ियों की नई पौध को तैयार करना जरूरी है। हॉकी फेडरेशन बिल्कुल प्रोफेशनल तरीके से चल रही है। खिलाड़ियों को हर तरह की खेल सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। मौजूदा हॉकी टीम वल्र्ड रैंकिंग छठे नंबर पर पहुंच गई है। जल्द ही रैंकिंग में ओर सुधार होगा।
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विद्यार्थियों को किया सम्मानित
कांफ्रेस में स्ट्राबेरी फील्ड स्कूल के अलावा शहर के कई नामी स्कूलों ने हिस्सा लिया। कांफ्रेस में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों को सीनियर हॉकी खिलाड़ी सरदारा सिंह ने सम्मानित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को हमेशा बेस्ट देने की बात कही।नशा नहीं अब फिटनेस को लेकर है युवाओं में क्रेज सरदार सिंह ने बताया कि अब युवाओं का पैशन बॉडी बनाने की तरफ बढ़ रहा है। नशा पिछले कल की बात हो गया है। युवा अब अपने भविष्य और शरीर के प्रति अवेयर हो रहे हैं। वह फिटनेस की तरफ पूरा ध्यान देने लगे हैं। सरदार सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ दुनिया का सबसे खुबसूरत शहर है। इस शहर में आपको स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल से लेकर हर तरह की सुविधाएं मुहैया हो जाएंगी। इस शहर से मेरा इतना लगाव है कि मैंने तो घर भी जहां खरीद लिया है।
ऐसे बना सरदार से सरदारा
सरदार सिंह ने बताया कि उनका नाम उनकी नानी ने रखा था, लेकिन दोस्तों ने सरदार से सरदारा बना दिया। बचपन में मुङो यह नाम बिल्कुल पसंद नहीं था और नानी को इसकी शिकायत भी करता था, लेकिन आज जब देश दुनिया में जाता हूं तो लोग मेरे नाम के बारे में काफी दिलचस्पी से पूछते हैं। मुङो भी खुशी होती है। कई बार सोचता हूं शायद नानी के रखे नाम की वजह से मुझे इतनी शोहरत मिली है।
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अभी बहुत कुछ करना बाकी
साल 2012 में अजरुन अवार्ड, साल 2015 में पदमश्री अवार्ड से सम्मानित हो चुके पूर्व हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह का कहना है कि जीवन रुकने का नाम नहीं है, जीवन हमेशा चलते रहने का काम है। उन्होंने बताया कि अभी भी उन्हें लगता है कि काफी कुछ करने को बाकी है। इंसान को एक लक्ष्य पूरा करने के बाद दूसरा लक्ष्य बनाना चाहिए।