कारोबार छोड़ मेडल जीतने का पाला शौक, 71 साल की उम्र में लगातार दौड़े 12 घंटे, तय की 74 किमी की दूरी
पंचकूला के ताऊदेवी लाल स्टेडियम में आयोजित टफमैन प्रतियोगिता में मास्टर एथलीट हरिहर साहनी ने लगातार 12 घंटे दौड़ते हुए 74 किलोमीटर की दूरी तय की। हरिहर ने बताया कि वह 70 प्लस कैटेगरी में दौड़े वह लगातार 12 घंटे दौड़ते रहे।
चंडीगढ़, विकास शर्मा। पंचकूला के ताऊदेवी लाल स्टेडियम में आयोजित टफमैन प्रतियोगिता में मास्टर एथलीट हरिहर साहनी ने लगातार 12 घंटे दौड़ते हुए 74 किलोमीटर की दूरी तय की। हरिहर ने बताया कि वह 70 प्लस कैटेगरी में दौड़े, उनके साथ दौड़ने वाला कोई अन्य मास्टर एथलीट नहीं था। वह लगातार 12 घंटे दौड़ते रहे। मास्टर एथलीट हरिहर साहनी ने बताया कि वह मौजूदा समय में 71 साल के हैं।
जुनून : कारोबार छोड़ निकल पड़े मेडल जीतने
वह मूल रूप से बिहार जिले के बगहा कस्बे के रहने वाले हैं। इससे पहले वह वहीं बाजार में कपड़े की दुकान करते थे। बच्चे अच्छे से सेटल हो गए, तो उन्होंने अपना जमा जमाया और कारोबार छोड़कर मेडल जीतने का नया शौक पाल लिया। हरिहर के बड़े बेटे अमित कुमार विदेश मंत्रालय में आइइएस अधिकारी हैं। जबकि छोटे बेटे तमिलनाडु में कस्टम अधिकारी हैं। हरिहर बताते हैं कि अब उनके जीवन में सब कुछ ठीक है। बस अब मुझे मास्टर ओलंपिक में मेडल जीतना है।
मास्टर एथलीट हरिहर इससे पहले भी जीत चुके हैं कई मैराथन
मास्टर एथलीट हरिहर साहनी ने बताया कि साल 2020 में न्यू दिल्ली मैराथन (42 किलोमीटर) में हिस्सा लेते हुए उन्होंने ब्रांज मेडल जीता। इसमें वह 65 प्लस आयुवर्ग कैटेगरी में दौड़े। जबकि उस समय उनकी उम्र 70 साल थी। दौड़ पूरी करने के लिए सात घंटे का समय रखा गया था, लेकिन उन्होंने यह दौड़ 6 घंटे 22 मिनट में पूरी की। साल 2019 में चंडीगढ़ क्लब की तरफ से आयोजित पंजाब हाफ मैराथन में भी उन्होंने दौड़ समय पर पूरी कर मेडल जीता था। साल 2019 को आयोजित टफमैन हाफ मैराथन में उन्होंने ढाई घंटे में 21 किलोमीटर की दौड़ पूरी की थी। जबकि इस हाफ मैराथन को पूरा करने का समय साढ़े तीन घंटे का था। साल 2019 में कोटक महिंद्रा की हाफ मैराथन को भी निश्चित समय में पूरा किया था।
रोजाना 25 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं हरिहर साहनी
हरिहर बताते हैं कि वह रोजाना सुबह चार बजे उठकर अपनी तैयारी शुरू कर देते हैं। पहले एक घंटा वह एक्सरसाइज करते हैं और उसके बाद रोजाना 25 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं। हरिहर बताते हैं कि कई बार तो वह अपनी शरीरिक क्षमता को देखने के लिए 42 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं। वह हाफ मैराथन ढाई से तीन घंटे में पूरी कर देते हैं, जबकि मैराथन छह घंटे में पूरी करते हैं।
मास्टर्स ओलंपिक में मेडल जीतना है लक्ष्य
हरिहर बताते हैं कि अब मास्टर्स ओलंपिक में मेडल जीतना ही मेरा जीवन का लक्ष्य है। मैंने इसके लिए लिए मेहनत करना भी शुरू कर दिया है। मेरी यही कोशिश है कि इस साल जो भी बड़े मैराथन होंगे, मैं उन सभी मैं हिस्सा लूं और बड़ी प्रतियोगिता से पहले खुद को जीत के लिए तैयार करूं।