डेराबस्सी व जीरकपुर में एनएच सहित बाजार व सरकारी दफ्तर बंद रहे
भारत बंद का डेराबस्सी जीरकपुर एवं लालडू में व्यापक असर दिखा। इस दौरान हाईवे भी बंद रहा।
संवाद सहयोगी, डेराबस्सी : भारत बंद का डेराबस्सी, जीरकपुर एवं लालडू में व्यापक असर दिखा। इस दौरान हाईवे भी बंद रहा। वहीं, दुकानदारों समेत व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रख भारत बंद को सफल बनाने में योगदान दिया। हाईवे पर किसान जत्थेबंदियों के अलावा सियासी नेताओं ने कई घंटे हलके में अलग-अलग जगह रोड जाम कर धरना लगाया। बंद को सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं, ट्रांसपोर्टर समेत आम लोगों का भी समर्थन मिला।
वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार जहां किसानों को खत्म करने पर तुली है, वहीं मजदूर, आढ़ती, ट्रांसपोर्टर और छोटे व्यापारी को बर्बाद करते हुए कार्पोरेट घरानों को लाभ देने में लगी है। वक्ताओं ने केंद्र सरकार की मोदी सरकार से कृषि कानून वापस लेने की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों का संघर्ष उस समय तक चलता रहेगा, जब तक थोपे गए किसान विरोधी कानूनों को केंद्र वापस नहीं ले लेता। उन्होंने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन अब शिखर चूम रहा है जिसमें बड़ी तादाद में नौजवानों की शमूलियत सबसे सुखद पहलू है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को सूझवान बुजुर्ग का होश और जवानी का जोश ही फतेह दिलाएगा। आंदोलन लंबा खिचने पर यही जोश व होश एकजुट व कायम रहे तो केंद्र सरकार को किसानों के हित में घुटने टेकने होंगे। लाडनूं में किसानों ने लंगर व्यवस्था के साथ-साथ पंजाबी गायक भी बुला रखे थे, पंजाबी गायकों ने ऐसा समां बांधा कि माहौल तनावपूर्ण होने की बजाए रोचक हो गया। डेराबस्सी हल्के में पूरी तरह कामयाब रहा बंद
किसानों के धरने के दौरान भारत बंद को डेराबस्सी हलके में खूब हल्लाशेरी मिली। इस दौरान दुकानों समेत सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। केवल मेडिकल स्टोर्स को ही खुले रखने की छूट दी गई। पहले से बंद का पता होने के कारण ज्यादातर लोग सड़कों पर नहीं निकले। कई जगहों पर कई कई किलोमीटर लंबा जाम भी लगा और जिन लोगों को अपने गंतव्य पर पहुंचना जरूरी था उन्हें कड़ी धूप में कई-कई मील पैदल चलकर भी अपने स्थान पर पहुंचना पड़ा।