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कोविड प्रबंधन में चंडीगढ़ की बेस्ट प्रेक्टिस से सीखेंगे दूसरे शहर, स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की प्रजेंटेशन हो रही तैयार

कोविड प्रबंधन में चंडीगढ़ की बेस्ट प्रेक्टिस की प्रेजेंटेशन तैयार की जा रही है। इसे दूसरे शहरों के साथ साझा किया जाएगा। जिससे वह ऐसे कदम उठाकर अपने यहां भी हालात को बेहतर करें। केंद्र सरकार को भी लगातार अपडेट दी जा रही है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 03:39 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 03:39 PM (IST)
कोविड प्रबंधन में चंडीगढ़ की बेस्ट प्रेक्टिस से सीखेंगे दूसरे शहर, स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की प्रजेंटेशन हो रही तैयार
कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में चंडीगढ़ प्रशासन के प्रयासों की प्रधानमंत्री मोदी भी सराहना कर चुके हैं।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़। कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने समय रहते जो कदम उठाए उनकी खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तारीफ की थी। अब भी यूटी प्रशासन कोरोना की तीसरी लहर से मिशन मोड पर निपट रहा है। पूरा प्रशासनिक अमला प्लानिंग के तहत कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ रहा है। चंडीगढ़ में एहतियाती कदम उठाने के साथ ही जिम्मेदारियों को अलग-अलग अधिकारियों में बांट कर संक्रमण की चेन तोड़ने की कोशिश हो रही है। आक्सीजन और दवाओं की सप्लाई चेन न टूटे, इसके लिए अलग से नोडल अधिकारी लगाए गए हैं।

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हेल्थ सेक्रेटरी यशपाल गर्ग ने नोडल अधिकारी के तौर पर दूसरी लहर में अहम रोल अदा किया था। उसके बाद ही उन्हें पूर्ण रूप से हेल्थ सेक्रेटरी लगाया गया था। अब भी वह इस काम को मिशन की तरह कर रहे हैं। रविवार को छुट्टी के दिन भी हेल्पलाइन नंबर पर खुद कॉल कर चेक कर रहे हैं। चंडीगढ़ की बेस्ट प्रेक्टिस की प्रेजेंटेशन तैयार की जा रही है। इसे दूसरे शहरों के साथ साझा किया जाएगा। जिससे वह ऐसे कदम उठाकर अपने यहां भी हालात को बेहतर करें। केंद्र सरकार को भी लगातार अपडेट दी जा रही है।

ये हैं चंडीगढ़ की बेस्ट प्रेक्टिस

1. हेल्थ एक्सपर्ट के सुझाव पर अमल

चंडीगढ़ अब अकेला शहर नहीं है। पंचकूला और मोहाली सटे होने से यह ट्राईसिटी बन चुका है। तीनों शहर में आपसी सहयोग के लिए पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने ट्राईसिटी कोऑर्डिनेशन के लिए कोविड वार रूम मीटिग शुरू की थी। अब प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित भी यह मीटिंग कर रहे हैं। सप्ताह में दो बार यह मीटिग होती है जिसमें तीनों शहर के डीसी और हेल्थ एक्सपर्ट कोरोना को लेकर हालात पर चर्चा करते हैं। सीनियर डाक्टरों और विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही निर्णय लिए जाते हैं।

2. कई ऑक्सीजन प्लांट लगाए

दूसरी लहर में ऑक्सीजन और बेड की किल्लत रही। इसको देखते हुए गवर्नमेंट हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने के साथ ही कई प्राइवेट हॉस्पिटल में भी इन्हें शुरू किया जा चुका है। हॉस्पिटल की आपूर्ति इन प्लांट से हो रही है।

3. आक्सीजन नोडल अधिकारी नियुक्त

आक्सीजन की किल्लत न हो इसलिए ऑक्सीजन सप्लाई नोडल अधिकारी नियुक्त किया। प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की खपत और मांग को देखने के लिए अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई। एक-एक सिलेंडर और बूंद-बूंद लिक्विड ऑक्सीजन का हिसाब रखा जा रहा। प्राइवेट हॉस्पिटल का ऑक्सीजन कोटा निर्धारित किया गया है।

संस्थाओं से बनवाए जा रहे मिनी कोविड केयर सेंटर

दूसरी लहर की तरह बेड की किल्लत न बढ़े इसको देखते हुए पहले से ही संस्थाओं से मिनी कोविड केयर सेंटर स्थापित कराए जा रहे हैं। हालांकि इस बार संक्रमित हॉस्पिटल में बहुत कम दाखिल हो रहे हैं। लेकिन प्रशासन हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयारी में है।

प्राइवेट हॉस्पिटल पर नकेल, टेस्ट और बेड के रेट तय

दूसरी लहर में प्राइवेट हॉस्पिटल में ओवरचार्जिग की शिकायत बहुत ज्यादा आई थी। बाद में रिकवरी के लिए जांच कमेटी गठित करनी पड़ी। इस बार इसकी नौबत न आए इसलिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने पहले से ही इलाज का रेट और टेस्ट खर्च तक सब तय कर दिए। ओवरचार्जिग न हो इसलिए रेट अधिसूचित कर अस्पतालों के रिसेप्शन पर लिस्ट लगाने के निर्देश दिए। शिकायत के लिए हेल्पलाइन शुरू की।

कोविड हेल्पलाइन बनाई

कोविड हेल्पलाइन शुरू की गई है। 24 घंटे इस हेल्पलाइन पर हेल्थ एक्सपर्ट रहते हैं। वैक्सीनेशन, टेस्ट, लक्षण और कोरोना संबंधी किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन पर फोन कर सकते हैं। एंबुलेंस तक के लिए यह हेल्पलाइन है।


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