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मनजिंदर सिंह सिरसा के बाद पंजाब के कई और बड़े नेता भाजपा में हो सकते हैं शामिल, शिअद काे बड़ा झटका

Punjab Assembly Election 2022 मनजिंदर सिंह सिरसा के भाजपा में शामिल होने का पंजाब में भी असर हो सकता है। सिरसा के भाजपा में शामिल होने से शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका लगा है। पंजाब के कई बड़े नेताओं के भाजपा में शामिल हाेने की संभावना है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 10:57 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 10:57 AM (IST)
मनजिंदर सिंह सिरसा के बाद पंजाब के कई और बड़े नेता भाजपा में हो सकते हैं शामिल, शिअद काे बड़ा झटका
दिल्‍ली के शिअद नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के भाजपा में शामिल होने का असर पंजाब में भी होगा। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मन¨जदर सिंह सिरसा के भाजपा में शामिल होने का पंजाब में भी असर होगा। संकेत मिल रहे हैं कि पंजाब के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं। ये नेता शिअद सहित कई दलों के हैंं। इससे पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022) के मद्देनजर सियासी समीकरण में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सिरसा के भाजपा में शामिल होने से  शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका लगा है। पंजाब 

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शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के लिए सिरसा बेहद महत्वपूर्ण रहे है। इसका अंदाजा इसी बात से भी लगाया जा सकता है कि दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके और पूर्व महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा में आई खटास के बाद जब सुखबीर ने किसी एक को चुनना था तो उन्होंने सिरसा को ही चुना।

यह भी उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में सिरसा की हार के बाद सुखबीर ने घोषणा की थी कि सिरसा को एसजीपीसी की ओर से नामांकित किया जाएगा। ऐसा किया भी गया लेकिन गुरमुखी के लिखित टेस्ट में सिरसा फेल हो गए थे।

दरअसल मनजिंदर सिंह सिरसा के भाजपा में शामिल होने से पंजाब की अकाली राजनीति पर भी असर होना लाजिमी है। तीन कृषि सुधार कानूनों को लेकर जिन नेताओं ने भाजपा से दूरी बनाई हुई थी अब उनके लिए भी रास्ता खुल गया है। शिअद-भाजपा गठबंधन टूटने के बाद जिन सीटों पर भाजपा को सिख चेहरों की तलाश थी वह पूरी हो सकती है। वहीं यह चर्चा भी हो रही है कि भविष्य में सिरसा भाजपा व शिअद के लिए ऐसी खिड़की साबित हो सकते हैं जहां से कभी भी दोनों प्रमुख पार्टियां फिर गठबंधन की राह पर आ सकती हैं।

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह बोले अभी तो पार्टी शुरू हुई है 

पूर्व एसजीपीसी सदस्य अमरिंदर सिंह ने सिरसा के भाजपा में जाने पर कहा, 'अभी तो पार्टी शुरू हुई है, आगे आगे देखिए कि सुखबीर को छोड़कर जाने वालों की कैसे लाइन लगेगी। सुखबीर ने अकाली दल में जत्थेदारी संस्कृति खत्म करके उन लोगों को आगे किया, जो बिजनेस माइंडेड हैं और सत्ता के साथ ही रहना चाहते हैं। शिअद के पास अब सत्ता नहीं है और न ही दिखाई दे रही है। ऐसे में उनके पास भाजपा के अलावा क्या विकल्प है, 1984 के मुद्दे के कारण यह लोग कांग्रेस में नहीं जा सकते।

पंजाब भाजपा ने किया स्वागत

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने सिरसा के भाजपा में शामिल होने पर उनका स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट प्रमाण यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिख समुदाय के प्रति प्यार तथा पंजाब हितैषी सोच रखते हैं। सिरसा के इस कदम से पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत से सफलता मिलने की संभावना बढ़ गई है।

खालसा पंथ को तोड़ने के लिए इंदिरा गांधी वाले हथकंडे अपना रही है भाजपा

शिरोमणि अकाली दल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि खालसा पंथ की दुश्मन ताकतों की ओर से साजिश रचकर वह हासिल करने का प्रयास करार दिया, जिसे वह सिख समुदाय की मर्जी से हासिल नहीं कर सके। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सिख समुदाय के खिलाफ भाजपा इंदिरा गांधी वाले हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा सत्ता का दुरुपयोग करके झूठे मामले दर्ज करके खालसा पंथ की धार्मिक संप्रभुता पर सीधा हमला किया गया है। यह चुनौती सिख पंथ को स्वीकार है और पंथ इसका सीधा मुकाबला करेगा।

डा. चीमा ने कहा कि मनजिंदर सिंह सिरसा, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष जत्थेदार हरमीत सिंह कालका और दिल्ली कमेटी के 11 अन्य सदस्यों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे। जत्थेदार हरमीत सिंह और अन्य सदस्य सिख परंपराओं के साथ खड़े हैं। दुर्भाग्य से सिरसा दबाव में आ गए और अपनी आत्मा से सिख पंथ को धोखा दिया।

उन्होंने कहा कि पिछले दरवाजे से शिरोमणि कमेटी और दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया गया है। वर्तमान केंद्र सरकार ने कांग्रेस सरकारों की तरह भूमिका निभाई है, जो वह केंद्र में सत्ता में रहते हुए अतीत में निभाती रही है। परंतु खालसा पंथ इन साजिशों को पहले ही हरा चुका है और अब भी इन साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।


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