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चंडीगढ़ में अधिकांश उद्यमी आठ जून से नहीं खोलेंगे होटल और रेस्टोरेंट

होटल रेस्टोरेंट मालिकों ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने प्रशासन को इसके लिए ज्ञापन तक सौंपा है और नियमों में ढील देने की मांग की है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 09:51 AM (IST)
चंडीगढ़ में अधिकांश उद्यमी आठ जून से नहीं खोलेंगे होटल और रेस्टोरेंट
चंडीगढ़ में अधिकांश उद्यमी आठ जून से नहीं खोलेंगे होटल और रेस्टोरेंट

चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। केंद्र सरकार ने आठ जून से शर्तों के साथ होटल-रेस्टोरेंट खोलने को मंजूरी दी है। लेकिन चंडीगढ़ में बहुत से होटल-रेस्टोरेंट ने शर्तों की इन पाबंदियों को देखते हुए इन्हें नहीं खोलने का फैसला लिया है। होटल रेस्टोरेंट मालिकों ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने प्रशासन को इसके लिए ज्ञापन तक सौंपा है और नियमों में ढील देने की मांग की है। होटल रेस्टोरेंट नहीं खुलने की तीन मुख्य वजह है।

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पहली वजह

बार नहीं खोल सकते। होटल रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि बिना बार उनका काम नहीं चल सकता। जो रेंट पर हैं उनका अकेले रेस्टोरेंट से रेंट तक नहीं निकल सकता। स्टाफ की सेलरी और अन्य खर्च इससे अलग हैं। इसको देखते बार खोलने की मंजूरी मांगी गई है। भले ही इसके लिए नियम बना दिए जाएं।

दूसरी वजह

होटल-रेस्टोरेंट के लिए भी केंद्र सरकार ने बंद करने का समय नौ बजे ही तय किया है। इस पर होटल-रेस्टोरेंट मालिकों का सवाल है कि साढ़े आठ बजे कोई कस्टमर आता है तो वह इतने समय में डीनर नहीं कर सकता। बहुत से कस्टमर नौ बजे के आस-पास ही डीनर करने आते हैं।

तीसरी वजह

चंडीगढ़ में 50 प्रतिशत से अधिक होटल-रेस्टोरेंट लीज या रेंट की प्रॉपर्टी पर चल रहे हैं। उनका रेंट ही लाखों में है। कोरोना की वजह से मार्च से होटल रेस्टोरेंट बंद हैं। जो होटल-रेस्टोरेंट चला रहे हैं उनमें अधिकतर का पिछला रेंट बकाया है। अब इसको लेकर विवाद है। रेंट विवाद की वजह से भी बहुत से होटल रेस्टोरेंट नहीं खुलेंगे।

हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री को कोरोना से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। अधिकतर चीजें शुरू हो चुकी हैं लेकिन उनकी इंडस्ट्री को आठ जून से भी शर्तों के साथ खोलने को मंजूरी दी है। बार उनकी इंडस्ट्री का अहम पार्ट है। इसके बिना बिजनेस होगा ही नहीं। टाइमिंग भी काफी जल्दी है हर कस्टमर के बाद टेबल सेनिटाइज करनी है इसमें समय लगेगा। रात को कोई डीनर करने आता है तो उसे खाने से ज्यादा समय पर ध्यान देना होगा। इसमें छूट मिलनी चाहिए।

-अरविंद बलूनी, ऑनर, होटल, टरकइस।

बार खोलने की मंजूरी नहीं दी गई है। रात को बंद करने का समय भी नौ बजे तक रखा गया है। बार बिजनेस का बड़ा पार्ट है। रेस्टोरेंट से काम नहीं चलता इससे तो खर्च तक नहीं निकलता। हमारा रेंट ही आठ लाख रुपये प्रति माह है इसलिए हमने मिलकर फैसला लिया है कि वह आठ जून से खोलेंगे ही नहीं।

-नीरज खरब, ऑनर, मिनिस्ट्री ऑफ बार एक्सचेंज, सेक्टर-26

कोरोना से सबसे ज्यादा असर किसी पर पड़ा है तो वह हॉस्पिटेलिटी और टूरिज्म इंडस्ट्री है। तीन महीने से काम बंद है। रेंट, बिल जैसे खर्च चालू हैं। अब खोलने की मंजूरी दी लेकिन वह भी आधे अधूरे। बार खोलने की मंजूरी नहीं दी। इससे कस्टमर आएगा ही नहीं। उनका रेस्टोरेंट कम बार नाइट क्लब है। जिसमें कस्टमर और काम रात को ही ज्यादा रहता है। रात नौ बजे तक समय तय किया है इससे काम नहीं चलेगा। उन्होंने मिलकर रेस्टोरेंट नहीं खोलने का फैसला लिया है।

-अमन सिक्का, ऑनर, बूम बॉक्स

होटल-रेस्टोरेंट के लिए 50 फीसद कैपेस्टी तय की है। इतने ही कंज्यूमर को सर्विस दी जा सकती है। 50 लोगों की पार्टी की मंजूरी है। लेकिन रूम को लेकर क्लेरीफिकेशन नहीं है। टाइम भी नौ की बजाए 11 बजे तक होना चाहिए था। लेकिन यह शुक्र है कि खुल रहे हैं।

-अरविंदर सिंह, प्रेजिडेंट, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन।

लंबे अंतराल के बाद उनके सेक्टर में रौनक लौटेगी। खुल रहे हैं यही अच्छी बात है। धीरे-धीरे और राहत भी मिलेगी। लेकिन बार को भी मंजूरी दी जानी चाहिए। इससे प्रशासन को रेवेन्यू और वैट भी मिलेगा। टाइम भी दो से तीन घंटे और बढ़ना चाहिए। उनका काम रात को ही काफी होता है। अब कस्टमर पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा। वह पहले की तरह फैमिली के साथ निकलता है या नहीं इस पर भी काफी कुछ रहेगा।

-अमन अग्रवाल, ज्वाइंट सेक्रेटरी, चंडीगढ़ हॉस्पिटेलिटी एसोसिएशन। 

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