राजधानी दिल्ली सहित कई शहर झेल रहे प्रदूषण की मार, चंडीगढ़ की हवा साफ, ये है मुख्य वजह
दिल्ली के मुकाबले चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर पांच गुणा से भी कम है। यही वजह है कि अब दिल्ली के लोग चंडीगढ़ का रुख करने लगे हैं। चंडीगढ़ में रविवार दोपहर 12 बजे प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 121 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। राजधानी दिल्ली प्रदूषण की चादर में लिपटा है। चारों तरफ धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा है।दिल्ली एनसीआर में हालात ऐसे हैं कि खुली हवा में सांस लेना तक खतरे से खाली नहीं है। एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 500 से अधिक दर्ज किया जा रहा है। जो बेहद खतरनाक माना जाता है। वहीं दिल्ली से महज 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शहर चंडीगढ़ पर प्रदूषण का असर दिखाई नहीं दे रहा। चंडीगढ़ की आबोहवा बिल्कुल साफ है। और इसके कई कारण भी हैं।
दिल्ली के मुकाबले चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर पांच गुणा से भी कम है। यही वजह है कि अब दिल्ली के लोग चंडीगढ़ का रुख करने लगे हैं। कुछ तो परमानेंट तौर पर यहीं बसने लगे हैं। चंडीगढ़ में रविवार दोपहर 12 बजे प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 121 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। वहीं नई दिल्ली का एक्यूआई 469 दर्ज किया गया। पराली जलने को बढ़े प्रदूषण की वजह बताई जा रही है। हालांकि पंजाब से सटा होने के बावजूद चंडीगढ़ पर इसका प्रभाव नहीं दिख रहा।
चंडीगढ़ के हालात नियंत्रित होने की मुख्य वजह
चंडीगढ़ देश का इकलौता ऐसा शहर है जहां कुल भौगोलिक एरिया का 46 फीसद ग्रीन कवर है। इस एरिया में पेड़ पौधे और ग्रीनरी है। यह ग्रीनरी अब सही मायनों में शहर के काम आ रही है। यह ग्रीनरी कवच बनकर शहरवासियों को प्रदूषण से बचा रही है। दूसरों शहरों के बिगड़े हालात देखकर यह बात साफ हो जाती है।
ग्रीन इंडस्ट्री अधिक
- चंडीगढ़ में दूसरे शहरों की तरह प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्री नहीं है। ग्रीन इंडस्ट्री अधिक है। इंडस्ट्री की छोटी इकाई हैं।
- एयर प्यूरीफिकेशन टावर लगाया गया है यह अभी तक 200 क्यूबिक फिट से अधिक हवा साफ कर चुका है।
- वाहनों की संख्या लगातार बढ़ी है, लेकिन धुआं छोड़ने वाले पुराने वाहन सड़कों पर दूसरे शहरों जितने नहीं दिखते।
- रोड बर्म पर लगाए गए पौधे सोख रहे प्रदूषण।