पंजाब में शराब निगम बनाने का प्रोजेक्ट अधर में
पंजाब में शराब निगम बनाने की परियोजना अधर में लटक गया है। राज्य सरकार ने फिलहाल इस पर कार्य रोक दिया है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में तस्करी और शराब के व्यापार में एकाधिकार को खत्म करने के लिए शराब निगम बनाने की परियोजना अधर में लटक गया है। पंजाब सरकार शराब के थोक बिक्री को अपने हाथ में लेना चाहती थी। इसके लिए बकायदा मंत्रिमंडल ने आबकारी एवं कराधान विभाग को अलग-अलग करने का फैसला भी ले लिया था। लेकिन, अब सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में शराब निगम को अस्तित्व में लाने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
-शराब के व्यापार में एकाधिकार को खत्म करने की कवायद
माना जा रहा है कि यह निगम नहीं बनाने को लेकर कैप्टन सरकार पर शराब कंपनियों का खासा दबाव था। क्योंकि थोक बिक्री को अपने हाथों में लेने से बाजार में शराब की कीमतों में करीब 20 फीसदी तक गिरावट आ जाती और इससे कंपनियों के मुनाफे पर भी फर्क पड़ता था। हालांकि, सरकारी स्तर पर तर्क यह दिया जा रहा है कि कॉर्पोरेशन को बनाने के लिए सरकार के पास समय नहीं है। इसलिए नए वित्तीय वर्ष में पूर्व की ही नीति पर ठेके अलॉट किए जाएंगे।
24 नवंबर को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सब कमेटी ने थोक शराब निगम (होल सेल लिकर निगम) बनाने की संभावनाएं तलाशने का फैसला लिया था। इस सब कमेटी में स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा और वित्तमंत्री मनप्रीत बादल भी सदस्य हैं। 24 जनवरी को पंजाब कैबिनेट ने आबकारी एवं कराधान विभाग को अलग-अलग करने पर मुहर लगा दी थी।
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इसके बाद से लगातार यह दावा किया जा रहा था कि वित्त वर्ष 2018-19 में शराब निगम अस्तित्व में आ जाएगा, लेकिन अब सरकार ने कॉर्पोरेशन बनाने को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने खुद आबकारी विभाग को शराब के थोक वितरण के लिए निगम बनाने के लिए रूप रेखा तैयार करने के लिए विभाग को कहा था।
डिस्टलरी मालिकों का दबाव
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने कॉर्पोरेशन बनाने के फैसले को पेंडिंग करने को लेकर डिस्टलरी मालिकों का खासा दबाव था। वहीं, अगर सरकार कॉर्पोरेशन बनाती है, तो सरकार के राजस्व में भी 10 से 14 फीसद तक गिरावट आ जाती। वर्तमान में पंजाब सरकार को आबकारी से 5,422 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में सरकार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए सरकार राजस्व कम होने का जोखिम उठाने की स्थिति में नहीं है।
कीमत में 20 फीसद तक की कमी की संभावना
थोक शराब निगम (होल सेल लिकर निगम) बनाने से सरकार थोक विक्रेता का काम करती, जिससे शराब की कीमत में करीब 20 फीसदी तक की कमी आने की संभावना थी। वहीं, हरियाणा और चंडीगढ़ से हो रही शराब तस्करी भी रुकनी थी। वर्तमान में शराब तस्करी भी सरकार के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।
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2019-20 में अस्तित्व में आएगा: मनप्रीत
वित्तमंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि कॉर्पोरेशन बनाने के लिए अभी बहुत सारी प्रक्रिया करनी बाकी है। स्टाफ की ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी आदि सभी पर काम होना है। क्योंकि सरकार हर स्तर पर तकनीक को शामिल करेगी, ताकि किसी भी प्रकार की राजस्व चोरी की संभावना न रह जाए। इसलिए कॉर्पोरेशन 2019-20 में अस्तित्व में आएगा।