NIA की पूछताछ के बाद लवप्रीत ने की थी गुरुद्वारे की सराय में खुदकुशी, यूएपीए के तहत था केस दर्ज
एनअाइए ने लवप्रीत काे समन भेजकर चंडीगढ़ जेल में पेश होने के लिए कहा था। इसके बाद से ही वह परेशान चल रहा था। परिजनों ने प्रताडि़त करने की जांच की मांग की है। -
मोहाली, जेएनएन। 13 जुलाई की रात गुरुद्वारा श्री अंब साहिब की सराय में फंदा लगाकर खुदकुशी करने वाले 22 वर्षीय लवप्रीत सिंह से कुछ घंटे पहले नेशनल जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ की थी। परिजनों ने संदेह जताया है कि लवप्रीत सिंह को किसी मामले में फंसाया जाना हो, इससे परेशान होकर उसने खुदकुशी की।
सूत्रों के अनुसार NIA ने लवप्रीत से 19 अक्टूबर 2018 को अमृतसर शहर के सुल्तानविंड थाने में दर्ज एक केस में पूछताछ की थी। यह मामला अनलॉफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत दर्ज किया गया था और 10 जुलाई को उसे समन भेजकर चंडीगढ़ की मॉडल जेल में पेश होने के लिए कहा गया था। यह मामला अब इसलिए गर्माया है कि लवप्रीत के परिजनों के अलावा पंजाब के कई नेताओं का कहना है कि जिन परिस्थितियों में उसने आत्महत्या की है, उसकी पूरी जांच की जाए।
उन्होंने कहा कि जब तक सुरक्षा एजेंसियों के पास पुख्ता सबूत न हो, तब तक यूपीए जैसे कानूनों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने भी लवप्रीत के परिजनों से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि वह संगरूर के गांव रत्ताखेड़ा में कई निवासियों को मिले थे और किसी ने भी लवप्रीत को किसी कट्टरपंथी संस्था के साथ संबंध होने की बात कही है।
ग्रंथी का काम करता था लवप्रीत
बता दें कि लवप्रीत एक दलित परिवार से संबंधित था और गांव रत्ताखेड़ा के नजदीक एक गुरुद्वारा साहिब में ग्रंथी का काम करता था। उसके परिवार का कहना है कि लवप्रीत 13 जुलाई को अकेला NIA के सामने पेश हुआ था और शाम को उसने अपने पिता को फोन पर बताया था कि वह गुरुद्वारा श्री अंब साहिब फेज-8 मोहाली की सराय में कमरा लेकर रह रहा है और 14 जुलाई को वापस आ जाएगा। हालांकि 14 जुलाई को गुरुद्वारे के स्टाफ ने उसकी लाश कमरे में लटकती देखी, जिसके बाद स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया था। हालांकि पुलिस ने इस मामले में 174 की कार्रवाई की थी।
सुसाइड नोट में मांगी थी पत्नी से माफी
लवप्रीत ने अपने पास एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उसने अपनी पत्नी मंजीत कौर से खुदकुशी करने के लिए माफी मांगी थी। नोट में उसने यह भी लिखा था कि उसके मरने के बाद किसी को जिम्मेदार न ठहराया जाए और उसके परिवार को तंग न किया जाए। उसके परिजनों ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए अगर जांचकर्ताओं ने लवप्रीत सिंह को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताडि़त किया है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।