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शादी रचाने के बाद हाईकोर्ट पहुंचे प्रेमी-प्र‍ेमिका, ऐसा खुलासा हुआ कि भेजे गए जेल

लुधियाना का एक प्रेमी युगल को हाई कोर्ट में सुरक्षा मांगना महंगा पड़ गया। प्रेमी पहले से शादीशुदा था और अपनी पड़ोस में रहनेवाली युवती से परिजनों से छिपकर शादी कर ली थी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 12:38 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 02:58 PM (IST)
शादी रचाने के बाद हाईकोर्ट पहुंचे प्रेमी-प्र‍ेमिका, ऐसा खुलासा हुआ कि भेजे गए जेल
शादी रचाने के बाद हाईकोर्ट पहुंचे प्रेमी-प्र‍ेमिका, ऐसा खुलासा हुआ कि भेजे गए जेल

चंडीगढ़, [कमल जोशी]। एक प्रेमी युगल ने परिवार वालों से छिपा कर शादी कर ली। इसके बाद उनको अपने परिजनों से खतरा लगा तो पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाने पहुंचे। लेकिन, उनको यह उल्‍टा पड़ गया और हाई कोर्ट में ऐसा खुलासा हुआ कि दोनों को जेल भेज दिया गया। दरअसल प्रेमी पहले से शादीशुदा था आैर यह बात उसकी प्रेमिका को भी पता था। हाई कोर्ट में दोनों पहुंचे तो पत्‍नी भी वहां आ गई और उनकी पोल पट्टी खोल दी।

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प्रेमी युगल लुधियाना का है। प्रेमी मंदीप सिंह ने प्रेमिका मनीषा से शादी रचाने के बाद हाईकोर्ट में याचिका देकर सुरक्षा दिए जाने की मांग की थी। मंदीप की पहले शादी हो चुकी थी अौर उसका अपने पड़ोस में रहने वाली मनीषा से प्रेम संबंध स्‍थापित हो गया था। दोनों ने घर से बाहर जाकर चुपके से शादी रचा ली। उनको शादी का खुलासा होने पर परिजनाें के विरोध की आशंका हुई।

शादी करने के बाद मंदीप और मनीषा ने चंडीगढ़ में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाने के लिए पहुंचे। इस बारे में मंदीप की पत्‍नी को पता चल गया आैर उसने अदालत में मंदीप के पहले से शादीशुदा होने के बारे में जानकारी दे दी।

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इस मामले में मनीषा और मंदीप ने विवाह के बाद सुरक्षा की मांग करते हुए अपने शपथ पत्रों में कहा था कि ये उनका पहला विवाह है, लेकिन मंदीप की पत्नी की ओर से अदालत में ही उसकी पोल खोलने के बाद प्रेमी युगल के लिए मामला उल्‍टा पड़ गया। जस्टिस कुलदीप सिंह ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) को इस मामले में प्रारंभिक जांच करके अदालत को अपनी रिपोर्ट देने का आदेश दिया।

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रजिस्ट्रार विजिलेंस की जांच में मंदीप और मनीषा का झूठ सामने आने पर जस्टिस कुलदीप सिंह ने दोनों को हिरासत में लिए जाने के आदेश जारी किए। इसके बाद याचिका पर सुनवाई के लिए मंदीप और मनीषा हाई कोर्ट में पहुंचे तो उनको गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया गया। इसके साथ ही रजिस्ट्रार (विजिलेंस) को दोनों के खिलाफ चंडीगढ़ के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्टेट के समक्ष आपराधिक शिकायत दर्ज करवाने के आदेश जारी कर दिए।

आपराधिक विश्वासघात का मामला

रजिस्ट्रार विजिलेंस ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट में दोनों के खिलाफ झूठी गवाही, झूठे बयान, अदालत से झूठ बोलने, आपराधिक विश्वासघात, दूसरा विवाह और आपराधिक षड्यंत्र करने का मामला होने की बात कही थी। इस रिपोर्ट के बाद जस्टिस कुलदीप सिंह ने चंडीगढ़ पुलिस को अदालत में ही बुला कर मंदीप और मनीषा को सेक्टर 3 थाना इंचार्ज की हिरासत में भेज दिया। सुनवाई के दौरान मनीषा के परिजन भी अदालत में मौजूद थे और उन्होंने इसे मनीषा की नासमझी बताया था।

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