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रावण की तपस्या से खुश हुए भगवान शिव

रावण ने भगवान शिव तपस्या की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 09:37 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 09:37 PM (IST)
रावण की तपस्या से खुश हुए भगवान शिव
रावण की तपस्या से खुश हुए भगवान शिव

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : रावण ने भगवान शिव तपस्या की। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और रावण को मनोवांछित वरदान दिया। इस दृश्य का मंचन आजाद ड्रामेटिक रामलीला क्लब सेक्टर-20 की तरफ से शुक्रवार को किया गया। क्लब की तरफ से पहले दिन भगवान शिव और रावण के संवाद को पेश किया। इसके बाद श्रवण का देहांत, दशरथ को श्राप को भी पेश किया गया। उल्लेखनीय है कि आजाद ड्रामेटिक क्लब एक दिन पहले से ही रामलीला का आरंभ कर देता है, क्योंकि इनकी तरफ से कई नए ²श्यों को रामलीला के दौरान पेश किया जाता है। इस रामलीला में इस बार तीन मंचों पर रामलीला का मंचन होगा। जिसमें साधारण स्टेज के अलावा अशोक वाटिका और ऋषि वन को स्टेज पर पेश किया जाएगा। रामलीला की खासियत

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आजाद ड्रामेटिक क्लब रामलीला का मुख्य आकर्षण तीन स्टेज है। जिसमें सीता हरण से लेकर हनुमान संवाद अशोक वाटिका स्टेज पर होगा। श्रवण का देहांत और दशरथ को श्राप ऋषि वन की स्टेज पर होगा। इसी प्रकार से राम वनवास, गंगा तट सहित विभिन्न प्रकार के दृश्यों को साधारण स्टेज पर पेश किया जाएगा। यह शहर की पहली स्टेज होगी, जहां पर तीन स्टेज बनाई गई है। रावण की हंसी करती है सभी को आकर्षित

रावण का अभिनय करने वाले अशोक कुमार ने बताया कि मैंने दस सालों तक राम का अभिनय किया है। उसके बाद मैं 26 सालों से रावण का अभिनय कर रहा हूं। मेरी हंसी सबसे अलग है। मेरे अभिनय की सबसे बड़ी पहचान मेरा हंसना है। मैं जब भी स्टेज पर हंसता हूं तो तालियों से स्टेज गूंज उठती है। मुझे हंसी के लिए एक बार चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से बेस्ट कलाकार का अवॉर्ड भी मिल चुका है।

तरूण शर्मा- गुरु वशिष्ठ

गुरु वशिष्ठ का अभिनय करने वाले तरूण शर्मा ने बताया कि गुरु का अभिनय बेहतरीन है। यह सभी को न्याय करने का संदेश देता है। सुनील कुमार- श्रवण

श्रवण का अभिनय करने में सबसे बड़ा मजा आता है कि वह सबसे श्रेष्ठ पुत्र हुआ है। आज श्रवण को सभी याद करते है। उस रूप में अभिनय करने में गौरव महसूस होता है। नवीन शर्मा- दशरथ

दशरथ के श्राप को पूरा होना था इसके लिए राम को वनवास हुआ। हालांकि राजा दशरथ एक बेहतरीन राजा हुए है। उनकी भूमिका निभाना रामलीला की शुरुआत है। संगीता संजीव - वेदवती

मैं वेदवती के साथ-साथ माता सीता का भी अभिनय करती हूं। डिमांड के अनुसार दोनों अभिनय मुझे मिलते हैं। दोनों ही अभिनय शिक्षाप्रद है।


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