बापूधाम में कोरोना मरीजों की संख्या 100 के पार, तीन और केस मिले, मोहाली में सात नए केस
शनिवार को शहर में सामने आए 22 केसों में से 21 बापूधाम कॉलोनी के हैं। इसी के साथ शहर में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 169 तक पहुंच गई है।
चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। पूरे देश में शायद ही ऐसी कोई कॉलोनी होगी जहां कोरोना मरीजों की संख्या 100 के पार पहुंच गई हो। 35 हजार की आबादी वाली सेक्टर-26 के बापूधाम कॉलोनी में कोरोना संक्रमितों की संख्या 109 हो गई है। बापूधाम में रविवार सुबह पिता-पुत्र सहित 3 केस मिले। जीएमएसएच 16 में दाखिल पिता 45 वर्ष तो बेटा 11 वर्ष का है। इससे पहले शनिवार को शहर में सामने आए 22 केसों में से 21 बापूधाम कॉलोनी के हैं। इसी के साथ शहर में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 173 तक पहुंच गई है। वहीं, शहर में दो लोगों की कोरोना के कारण मौत की पुष्टि भी हो चुकी है।
उधर, मोहाली रविवार को मोहाली के खाते में सात नए केस जुड़ गए हैं। इन सभी मरीजों का टेस्ट रोपड़ में पॉजिटिव आया है। सिविल सर्जन डॉ. मंजीत सिंह ने बताया रोपड़ में इनका इलाज शुरू हो गया है। मामलों की विस्तृत रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।
डेढ़ साल की बच्ची को था कोरोना, देखभाल के लिए मां 21 दिन साथ रही वार्ड में
मदर्स-डे पर पीजीआइ में इसकी एक मिसाल देखने को मिली। जहां पूरा देश कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के आगे नतमस्तक हो चुका है। इस बीच पीजीआइ चंडीगढ़ में एक मां ने अपने साहस का परिचय दिया। इस मां की साहस के बदौलत ही उसकी 18 महीने की कोरोना पॉजिटिव बच्ची चाहत शनिवार को पीजीआइ से ठीक होकर डिस्चार्ज हुई। सेक्टर-30 की 18 महीने की बच्ची को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर पीजीआइ चंडीगढ़ में एडमिट किया गया था। लेकिन बच्ची की देखभाल के लिए जब डॉक्टरों को कुछ नहीं सुझा तब बच्ची की मां ने जोकि कोरोना पॉजिटिव नहीं थी, वो देखभाल के लिए पीजीआइ के कोरोना पेशेंट वार्ड में में 21 दिन तक देखभाल का साहस जुटाया। 21 दिन तक बच्ची के अलावा अन्य पॉजिटिव पेशेंट के बीच जाने के बावजूद महिला को कोरोना नहीं हुआ। शनिवार को बच्ची को मां के साथ रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद पीजीआइ से डिस्चार्ज कर दिया। पीजीआइ में भर्ती कोरोना के तीन मरीजों को शनिवार को डिस्चार्ज किया गया। इनमें 52 साल की महिला और उसका 25 साल का बेटा भी शामिल है। शहर में अब तक कुल 23 कोरोना पॉजिटिव पेशेंट ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। इस दौरान डायरेक्टर प्रो. जगत राम, प्रो. जीडी पुरी, प्रो. पंकज मल्होत्रा और प्रो. अशीष भल्ला ने फूलों को गुलदस्ता देकर तीनों पेशेंट़्स को डिस्चार्ज किया। तीनों मरीज सेक्टर-30 के ही हैं।
कोरोना से ठीक होकर जवाहरपुर के 10 लोग लौटे घर
33 दिनों बाद कोरोना पर विजय प्राप्त कर 10 लोग शनिवार अपने गांव जवाहरपुर पहुंचे। गांव के 12 लोगों को स्थानीय निरंकारी भवन क्वारंटाइन सेंटर से छुट्टी दे दी गई। इनमें ब्लॉक समिति सदस्य गुरविंदर सिंह, उनकी सरपंच पत्नी करमजीत कौर समेत आठ लोग ही 33 दिन बाद घर लौटे हैं जबकि दो अन्य लोग निजी कारणों से घर वापस नहीं आए। आगामी सोमवार को चार और लोगों को घर भेज दिया जाएगा। गांव से अब तक कुल 46 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 34 लोग ठीक हो चुके हैं जिनमें पहला पॉजिटिव शख्स पंच मलकीत सिंह भी शामिल है जबकि 12 लोग अभी भी ज्ञान सागर अस्पताल में उपचाराधीन हैं। बहरहाल, अस्पताल व क्वारंटाइन सेंटर में रहकर घर लौटने वाले आठ लोगों में छह ब्लॉक समिति सदस्य गुरविंदर सिंह छोटा के परिवार से ही हैं। इनमें गुरविंदर छोटा, उसकी सरपंच पत्नी कमलजीत कौर, बेटा तरनप्रीत सिंह, छोटी बेटी शरनप्रीत कौर, भाभी रीना रानी व पिता प्रीतम सिंह शामिल हैं। अन्य दो लोगों में पंचायत सदस्य गुरजीत सिंह और करियाना दुकानदार मनीष गुप्ता है जो डेराबस्सी के शक्तिनगर में अपने घर लौटा। हालांकि गुरविंदर के भतीजे जसप्रीत सिंह और जसप्रीत के डेढ़ साल के बेटे गुरफतेह सिंह की भी छुट्टी हो गई थी। परंतु जसप्रीत पत्नी के डिस्चार्ज होने पर ही घर लौटेगा।
चंडीगढ़ आने वाले एनआरआइ दिल्ली में नहीं होंगे क्वारंटाइन
अब जो एनआरआइ और विदेश में फंसे व्यक्ति दिल्ली एयरपोर्ट पर आएंगे, उन्हें चंडीगढ़ में लाकर क्वारंटाइन किया जाएगा। जबकि पहले यह प्लानिग थी कि जो विदेशी चंडीगढ़ आने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर आएंगे, उन्हें पहले दिल्ली में ही 14 दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा। प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। एनआरआइ और विदेश से आने वाले लोगों की मांग पर ही ऐसा किया जा रहा है। प्रशासन ने अभी तक सेक्टर-10 के मांउटव्यू होटल को क्वारंटाइन सेंटर बनाया है लेकिन भविष्य में आने वाले लोगों की तादाद को देखते हुए और होटलों को भी क्वारंटाइन सेंटर में बदला जाएगा। ऐसे एनआरआइ को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही मेडिकल स्क्रीनिग कर चंडीगढ़ लाया जाएगा। पांच हजार एनआरआइ और चंडीगढ़ के रेजिडेंट्स वापस लौटना चाहते हैं। इनको वापस लाने की तैयारी प्रशासन ने तैयारी कर ली है।