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सुनिए वित्त मंत्री जी.. लाकडाउन के बाद चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से बंद हुई ट्रेनें जल्द हों शुरू

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से रोजाना 50 से ज्यादा गाड़ियों का संचालन होता था। वहीं अब मात्र पांच गाड़ियों का संचालन हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है। ऐसे में शहरवासियों को राहत की उम्मीद है।

By Edited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 02:08 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 09:58 AM (IST)
सुनिए वित्त मंत्री जी.. लाकडाउन के बाद चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से बंद हुई ट्रेनें जल्द हों शुरू
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से मात्र पांच गाड़ियों का संचालन हो रहा है।

चंडीगढ़, जेएनएन। ट्राईसिटी में पांच लाख से ज्यादा प्रवासी लोग रहते हैं। इसके अलावा चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर का भी गेटवे है। लाकडाउन से पहले जहां चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से रोजाना 50 से ज्यादा गाड़ियों का संचालन होता था। वहीं, अब मात्र पांच गाड़ियों का संचालन हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है। ऐसे में शहरवासियों को उम्मीद है कि बजट में ऐसी घोषणाएं होनी चाहिए, जिनसे आम आदमी को राहत मिल सके।

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ट्राईसिटी और इसके साथ लगते हिमाचल के बद्दी औद्योगिक क्षेत्र में लाखों प्रवासी लोग रहते हैं। इन लोगों की आवाजाही का साधन सिर्फ रेल है, लेकिन लाकडाउन के बाद से कई प्रमुख ट्रेनें बंद हैं, वित्तमंत्री से गुजारिश है कि वह जल्द पुरानी ट्रेनों को शुरू करें और इसके साथ उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए भी नई ट्रेनें चलाए।

वीएस पाठक, राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश वेलफेयर एसोसिएशन।

पिछले साल रेल यातायात बाधित होने से उन्हें अपना घर चलाना मुश्किल हो गया था। पहले लाकडाउन और फिर किसान आंदोलन के चलते रेल यातायात बाधित रहा। ऐसे में वित्तमंत्री से गुजारिश है कि वह सभी ट्रेनों का संचालन शुरू कर दे और कुलियों के हितों के बारे में भी फैसला लें, ताकि हम भी भरपेट खाना खा सकें और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें।

सागर खान, प्रधान, कुली एसोसिएशन।

कोरोना महामारी की वजह से एक साल से कोई भी रेलवे प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सका है। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को व‌र्ल्ड क्लास बनाने का काम भी अभी ठंडे बस्ते में है। ऐसे में वित्तमंत्री से उम्मीद है कि जल्द से जल्द चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के निर्माण को शुरू करवाया जाए, ताकि रेलयात्रियों को अतिरिक्त सुविधाएं मिल सकें।

मनोज कुमार, एडवोकेट।

जब से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन की सफाई का ठेका निजी हाथों में दिया गया है। तब से उन लोगों को खासी परेशानी आ रही है जो लोग अपने परिजनों को छोड़ने या लेने आते हैं उन्हें खासी दिक्कत होती है। दरअसल स्टेशन परिसर के बाहर एक भी टायलेट नहीं है, जबकि स्टेशन के बाहर आटो स्टैंड बस स्टैंड है। वहां भी टायलेट नहीं। ऐसे में अगर किसी टायलेट जाना हो तो उसे पहले प्लेटफार्म टिकट लेनी पड़ती है और उसके बाद वह रेलवे स्टेशन के अंदर जा सकता है।

सुभाष शर्मा, व्यापारी।

पिछले कुछ सालों में ट्रेनों में स्वच्छता का स्तर तो सुधरा है, लेकिन ट्रेनों में मिलने वाले खाने की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं है। इसलिए वित्तमंत्री और रेलवे बोर्ड से गुजारिश है कि वह अब इस दिशा में भी काम करे, ताकि लोग सफर के दौरान भूखे न रहें।

आरके जोशी, एडवोकेट।

रेलवे सफर के दौरान अभी भी यात्रियों को कई तरह की दिक्कतें आती हैं। ज्यादातर ट्रेनों में वेटिंग होती है। ऐसे में रेलवे को इस व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। यात्री संख्या के हिसाब से ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि लोगों को इमरजेंसी में दिक्कत न हो।

मोहम्मद, हेयर ड्रैस।


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