पाकिस्तानी सबमरीन उड़ाने के लिए कंडोम की मदद से लगाए गए थे लिंपेट माइन
operation jackpot में पाकिस्तानी सबमरीन को उड़ाने के लिए कंडोम की मदद से लिंपेट माइन लगाए गए थे क्योंकि इसके स्विच पानी में जल्दी घुल जाते थे जिससे यह फट जाता था।
जेएनएन, चंडीगढ़। वर्ष 1971 बांग्लादेश (उस दौरान ईस्ट पाकिस्तान) में एक operation हुआ, जिसे Operation jackpot का नाम दिया गया। अफसोस ये operation इतना Secret था कि बाद में इसका कोई भी Document बचाया नहीं गया। इस operation में पाकिस्तानी सबमरीन को उड़ाने के लिए कंडोम की मदद से लिंपेट माइन लगाए गए थे, क्योंकि इसके स्विच पानी में जल्दी घुल जाते थे, जिससे यह फट जाता था। लेखक संदीप उन्नीथन की किताब operation एक्स में भारतीय नेवी के इन्हीं बहादुरी भरे किस्से हैं।
संदीप उन्नीथन सुखना लेक क्लब में आयोजित Military literature festival के आखिरी दिन इस पर चर्चा करने पहुंचे। उनके साथ Former navy chief सुनील लांबा और Commodore श्रीकांत बी केसनूर भी शामिल हुंए। संदीप ने ये किताब कमांडर एमएनआर सामंत के साथ लिखी है, जो इस मिशन की अगुआई कर रहे थे। हालांकि इस किताब की लांचिंग से पहले ही उनका देहावसान हो गया।
दिल्ली से लेकर बंगाल में हुई प्लानिंग
संदीप ने कहा कि प्लान के तहत बहुत देसी अंदाज देखा गया। उस दौरान भारतीय नेवी इतनी सक्षम नहीं थी। मगर होशियारी से नेवी ने इस जंग को अपने नाम किया, जिसकी वजह से बांग्लादेश का निर्माण हो पाया। दरअसल 1971 में ही कुछ विद्रोही बंगाली मुस्लिम नाविक पाकिस्तान की सबमरीन बोट को छोड़ फ्रांस में भारतीय दूतावास में पहुंचे थे। इसके बाद इन नाविकों को रॉ के सेफ हाउस में भारत लाया गया जहां से इन्हें इस operation के लिए ट्रेंड किया गया। इसके लिए दिल्ली को चुना गया मगर operation की किसी को भनक न हो, इसलिए इसे बदलकर कोलकाता कर दिया गया। इन नाविकों के साथ ईस्ट पाकिस्तान से आए कई विद्रोही भी शामिल हुए, जिन्हें तैराकी सिखाई गई।
मुख्य मुद्दा लिंपेट माइन बनाने का था, जिससे ईस्ट पाकिस्तान के बंदरगाह पर खड़ी सबमरीन को उड़ाया जा सके। चिंता ये थी कि लिंपेट माइन को लगाने के लिए एक घंटे का वक्त लगता था, जबकि इसका स्विच केवल आधे घंटे में ही पानी में घुल जाता था और वो फट जाता। इस ङ्क्षचता दूर करने के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया गया, ये कंडोम लिंपेट लगाते हुए स्विच पर चढ़ा दिए जाते थे, बाद में इन्हें निकाल लिया जाता था। उस वर्ष देशभर में सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल भारतीय नेवी ने किया। हालांकि ये एक खुफिया मिशन था जिसके बाद इससे जुड़ा हर Document जला दिया गया।
Covart operation और Surgical strike में फर्क
Covart operation के बारे में किसी को न बताना और Surgical strike के बारे में हर किसी को बताने से जुड़े सवाल पर एडमिरल लांबा ने कहा कि हां, दोनों में अंतर है। Covart operation छुपाने के लिए ही बने होते हैं क्योंकि इससे देश की छवि और बहुत सी चीजें जुड़ी होती हैं। मगर Surgical strike उरी सेक्टर में हुए आतंकी वारदात का जवाब था, जिसे सरकार ने सबके साथ साझा किया। मेरे अनुसार ये सही भी है क्योंकि वो एक जवाब था। जहां तक बात आज के दौर में नेवी के परिपक्व होने की है तो आज भी भारतीय नेवी पाकिस्तानी नेवी को कंट्रोल कर सकती है।