अब सेंट्रल क्लब की लीज मनी बढ़ाने की तैयारी
-प्रशासन ने सेंट्रल क्लब के साथ नई लीज के लिए समय मांगा, मामले को लेकर हाईकोर्ट में चल रही है सुनवाई
-प्रशासन ने सेंट्रल क्लब के साथ नई लीज के लिए समय मांगा, मामले को लेकर हाईकोर्ट में चल रही है सुनवाई
-प्रशासन ने हाईकोर्ट में नई लीज के लिए टाइम मागा जागरण संवाददाता,चंडीगढ़ : गोल्फ क्लब व चंडीगढ़ क्लब के बाद सेंट्रल क्लब पर भी नई लीज का शिकंजा कस गया है। प्रशासन सेंट्रल क्लब की भी लीज मनी बढ़ाने जा रहा है। हाईकोर्ट में प्रशासन ने सेंट्रल क्लब के साथ नई लीज करने के लिए मई के अंत तक का समय मागा। वहां सेंट्रल क्लब की नई लीज को लेकर सुनवाई चल रही है। इससे पहले सेंट्रल क्लब की लीज जुलाई 2014 में कैंसिल हो गई थी। इस्टेट ऑफिस ने 2012 में सेंट्रल क्लब को सील भी कर दिया था। क्लब लीज मनी डिपॉजिट करने में फेल रहा था। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर क्लब खुला था। सेंट्रल क्लब अप्रैल 1998 से लेकर 2000 के दौरान 25567 रुपये प्रति माह दे रहा था। उसके बाद प्रशासन ने लीज मनी बढ़ाकर 1 लाख 31 हजार रुपये महीना कर दी थी। इस्टेट आफिसर ने 2011 में क्लब को खाली करने का नोटिस जारी कर दिया था। यह नोटिस क्लब द्वारा लीज मनी न चुकाने और मिसयूज के लिए दिया गया था। क्लब मैनेजमेंट की तरफ से हाईकोर्ट में और प्रशासन को कहा गया है कि क्लब के अधिकाश मेंबर्स सीनियर सिटीजन है। अधिक लीज रेंट दे पाना क्लब मेंबर्स के बस में नहीं है। प्रशासन ने गोल्फ क्लब की लीज लगभग 41 लाख रुपये और चंडीगढ़ क्लब की लीज 95 लाख रुपये सालाना तय की है।