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चंडीगढ़ के स्कूलों में पहली बार होगा Language Festival, 50 हजार स्टूडेंट्स होंगे शामिल

चंडीगढ़ के 114 सरकारी स्कूलों में पहली बार भाषा उत्सव कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। इसके लिए एमएचआरडी की तरफ से सभी स्कूलों को निर्देश भी जारी हो चुके हैं। वहीं स्कूलों की तरफ से भी कार्यक्रम को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 04:42 PM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 04:42 PM (IST)
चंडीगढ़ के स्कूलों में पहली बार होगा Language Festival, 50 हजार स्टूडेंट्स होंगे शामिल
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में पहली बार भाषा उत्सव कार्यक्रम आयोजित होगा।

चंडीगढ़, जेएनएन। भाषा एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम खुद की भावनाओं को दूसरों तक पहुंचा सकते हैं। भाषा पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए एमएचआरडी के निर्देशानुसार पांच से आठ जनवरी तक चंडीगढ़ के स्कूलों (Chandigarh School) में भाषा उत्सव (Language Festival) मनाया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा अभियान के द्वारा सभी स्कूल प्रिंसिपल्स और हेडमास्टर को निर्देश जारी हो चुके हैं।

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इस भाषा उत्सव में तीसरी से आठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स ऑनलाइन भाग ले सकेंगे। विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार स्कूल प्रिंसिपल, हेडमास्टर और टीचर्स को स्टूडेंट्स को इस उत्सव में शामिल होने के लिए मोटिवेट करना होगा ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स इससे जुड़ सके और इसमें होने वाली गतिविधियों में भाग ले सकें।

क्या-क्या होंगे गतिविधियां

भाषा उत्सव के दौरान स्टूडेंट्स से स्लोगन राइंटिग, पोस्टर मेकिंग, शॉर्ट स्टोरी, कविताएं, लेख, भाषण प्रतियोगिताओं से लेकर मॉर्निंग मैसेज आदि करवाए जा सकते हैं। इसके लिए स्कूल टीचर्स और बुक्स से लेकर आइडिया तक स्टूडेंट्स को देना होगा और वह किस प्रकार से कितने समय में गतिविधि को ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं इसके लिए भी टीचर को स्टूडेंट्स तैयार करने होंगा।

114 सरकारी स्कूलों के 50 हजार स्टूडेंट्स लेंगे शामिल

भाषा उत्सव एमएचआरडी के निर्देशानुसार पहली शहर शिक्षा विभाग की तरफ से आयोजित किया जा रहा है। इसमें शहर के 114 सरकारी स्कूलों के करीब 50 हजार स्टूडेंट्स भाग लेंगे और भाषा के अलग-अलग पहलुओं को जान सकेंगे। उल्लेखनीय है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार भी हिंदी, इंग्लिश के साथ स्थानीय भाषा को प्रमोट करने और स्टूडेंट्स को पढ़ाई उसी भाषा में कराने का नियम बनाया गया है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी शुरू होने के बाद स्टूडेंट्स स्थानीय भाषा में भी पढ़ाई कर सकेगा।


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