कुराली म्यूनिसिपल काउंसिल खुले में शौचमुक्त घोषित
स्वच्छता के आधार पर ओपन डेफेकेशन फ्री (ओडीएफ प्लस प्लस) का सर्टिफिकेट प्रदान किया है।
चेतन भगत, कुराली : स्वच्छ भारत अभियान के तहत दिल्ली से पहुंची टीम ने थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन रिपोर्ट में किए गए सर्वे के अनुसार कुराली नगर काउंसिल को खुले में शौचमुक्त घोषित करते हुए स्वच्छता के आधार पर ओपन डेफेकेशन फ्री (ओडीएफ प्लस प्लस) का सर्टिफिकेट प्रदान किया है। काउंसिल के कार्यकारी अधिकारी वीरेंदर जैन एवं नीतू ढिल्लों (कोऑर्डिनेटर पीएमआइडीसी) ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन करने के लिए दिल्ली से आई टीम ने शहर में स्वच्छता सर्वे किया था। सर्वे के तहत दिल्ली से पहुंची टीम द्वारा लिस्ट में शामिल शहर की 16 टॉयलेट साइट्स में स्वच्छता निरीक्षण किया जाना था जिनमें से टीम द्वारा छह साइट्स म्यूनिसिपल काउंसिल के टॉयलेट, होटल ग्रैंड प्लाजा के टॉयलेट, सब्जी मंडी में बने पब्लिक टॉयलेट, टैक्सी स्टैंड के निकट पब्लिक टॉयलेट सहित सर्वहितकारी विद्या मंदिर तथा गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल का जायजा लिया। काउंसिल एवं ग्रैंड प्लाजा होटल के टॉयलेट को उत्कृष्ट घोषित किया गया
ईओ जैन तथा नीतू ढिल्लों के अनुसार स्वच्छ भारत टीम द्वारा काउंसिल एवं ग्रैंड प्लाजा होटल के टॉयलेट को उत्कृष्ट एवं सब्जी मंडी तथा टैक्सी स्टैंड के टॉयलेट्स को एक्सीलेंट सहित दोनों स्कूलों के टॉयलेट्स का बेहतरीन श्रेणी में आकलन किया। इस दौरान टीम ने शहर के अधरेड़ा मार्ग पर बने पांच एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण करते हुए स्वच्छता के आधार पर खुले में शौचमुक्त घोषित करते हुए ओडीएफ प्लस प्लस का सर्टिफिकेट प्रदान किया। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिग में मिलेगा फायदा
नीतू ढिल्लों ने बताया कि दिल्ली से पहुंची टीम ने काउंसिल को 500 में से पांच सौ अंक प्रदान किए हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की आगामी फाइनल रिपोर्ट में काउंसिल को मिले पांच सौ अंकों को जोड़ा जाएगा जो काउंसिल की स्वच्छता रैंक को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। ऐसे दिए जाते हैं स्वच्छता सर्वेक्षण के अंक
केंद्र सरकार की टीम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण तीन चरणों में होता है। पहला चरण अप्रैल से जून, दूसरा जुलाई से सितंबर तथा तीसरा अक्टूबर से दिसंबर तक आयोजित किया जाता है जबकि चार से 31 जनवरी तक नया सर्वेक्षण आरंभ हो जाता है जिसमें स्वच्छ सर्वेक्षण करने वाली टीम दिल्ली से बिना किसी पूर्व सूचना के शहर में पहुंचती है। टीम को जीपीएस के •ारिये साइट मिलती है और उसके अनुसार टीम मौके पर पहुंच सर्वेक्षण को अंजाम देती है। जिसके तहत काउंसिल द्वारा पहले तीन चरणों की ऑनलाइन भेजी गई रिपोर्ट का सर्वेक्षण किया जाता है। जिसके बाद टीम के मेंबर्स फील्ड में पहुंच रिपोर्ट तैयार करते हैं।