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Gurjant murder case: हाई कोर्ट ने IG राव को हटाकर कुंवर विजय प्रताप को सौंपी जांच

Gurjant murder case तरनतारन में पांच साल पहले हुई गुरजंट की हत्या की दोबारा जांच होगी। जांच कुंवर विजय प्रताप करेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 01:44 PM (IST)
Gurjant murder case: हाई कोर्ट ने IG राव को हटाकर कुंवर विजय प्रताप को सौंपी जांच
Gurjant murder case: हाई कोर्ट ने IG राव को हटाकर कुंवर विजय प्रताप को सौंपी जांच

जेेेेएनएन, चंडीगढ़। Gurjant murder case: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने तरनतारन में लगभग पांच साल पहले हुई गुरजंट सिंह की हत्या मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैैं। जस्टिस जितेंद्र चौहान ने पुलिस जांच में लापरवाही पर कड़ी टिप्पणी करते हुए आइजी नागेश्वर राव को हटाते हुए आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह को जांच सौंप दी है।

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हत्या के इस मामले में आरोपितों को स्थानीय विधायक से मदद मिलने के आरोप सुर्खियों में रहे थे। ट्रायल कोर्ट ने आठ आरोपितों में से तीन को लगभग एक वर्ष पहले बरी कर दिया था। ट्रायल कोर्ट के यह आदेश तब आए थे जब हाई कोर्ट ट्रायल कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने पर रोक लगा चुका था। राज्य सरकार के वकील द्वारा हाई कोर्ट के आदेश ट्रायल कोर्ट तक न पहुंचाने के कारण पिछले वर्ष चार अगस्त को ट्रायल कोर्ट ने गुरदेव सिंह, सतंनजीत सिंह और थाना प्रभारी गुरचरन सिंह को आरोप मुक्त कर दिया था।

अक्टूबर, 2014 में हुई गुरजंट की हत्या के मामले में कुल आठ आरोपित बनाए गए थे। ट्रायल कोर्ट द्वारा पुलिस अधिकारी गुरचरन सिंह समेत तीन आरोपितों को आरोप मुक्त किए जाने तक पांच आरोपित फरार चल रहे थे। इस दौरान याचिकाकर्ता ने आरोपितों के खुलेआम घूमने की शिकायतें पुलिस को दी। ट्रायल के दौरान याचिकाकर्ता ने आरोपितों द्वारा उसे और उसके परिवार पर हमला करने व धमकाने के आरोप भी लगाए। पिछले साल पांचों फरार आरोपितों ने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था।

गुरजंट के पिता सलविंदर सिंह की याचिका पर हाई कोर्ट ने इस मामले में सितंबर, 2016 में आइजी नागेश्वर राव के नेतृत्व में एसआइटी द्वारा जांच करने के आदेश दिए थे। एसआइटी की जांच की वजह से तीन आरोपितों के बरी होने में प्रभावशाली लोगों के हाथ होने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए जस्टिस चौहान ने कहा कि यह मामला दोबारा जांच किए जाने के लिए उपयुक्त है।

ट्रायल कोर्ट पर सख्त टिप्पणी

ट्रायल कोर्ट के आदेशों पर भी सख्त टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट इस मामले में निष्पक्ष ट्रायल करवाने में असफल रही है। 

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