दो महिलाओं को जिंदगी दे गया मोहाली का कुलदीप, सड़क हादसे में घायल होने के बाद घोषित किया था ब्रेनडेड
मोहाली निवासी कुलदीप सिंह दुनिया से जाते जाते दो महिलाओं को नई जिंदगी दे गया। सड़क हादसे में घायल होने के बाद पीजीआइ के डॉक्टरों ने कुलदीप को ब्रेनडेड घोषित कर दिया था। परिवार की सहमति के बाद उनकी किडनियां दों महिलाओं को ट्रांसप्लांट की गई।
चंडीगढ़ [विशाल पाठक]। मोहाली के गांव संतमाजरा के रहने वाले 55 वर्षीय कुलदीप सिंह दुनिया से जाते जाते दो लोगों को नई जिंदगी दे गए। कुलदीप सिंह 30 जनवरी को सड़क हादसे में घायल हो गए थे। हादसे में उनके सिर पर गहरी चोट आई थी। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए 31 जनवरी को उन्हें पीजीआइ में इलाज के लिए भर्ती कराया। आठ फरवरी को पीजीआइ के डॉक्टरों ने कुलदीप सिंह को ब्रेनडेड घोषित कर दिया। इस मुसीबत की घड़ी में मृतक कुलदीप सिंह के बेटे मनिंदर सिंह, मनप्रीत सिंह और उनकी पत्नी मनजीत कौर ने ऑर्गेन डोनेट करना का फैसला लिया।
ऑर्गेन डोनेशन के जरिये मृतक कुलदीप सिंह की दोनों किडनी दो महिला मरीजों को ट्रांसप्लांट कर उनकी जान बचाई गई। मौलीजागरां की एक 31 साल की महिला और मोहाली की 62 साल की बुजुर्ग महिला में किडनी ट्रांसप्लांट कर उन्हें नई जिंदगी दी गई। ये दोनों महिलाएं किडनी की बीमारी से लास्ट स्टेज से गुजर रहीं थीं।
महिला का बेटा बोला- भगवान के रूप में आकर मां को बचाया
जिस 62 साल की बुजुर्ग महिला में कुलदीप सिंह की किडनी ट्रांसप्लांट की गई। उस बुजुर्ग महिला के बेटे ने कहा भगवान के रूप में आकर उन्होंने मेरी मां को नया जीवन दिया। इसके लिए वे कुलदीप सिंह के परिवार के हमेशा अभारी रहेंगे। वहीं, पीजीआइ के निदेशक प्रो. जगतराम ने मृतक के परिवार के हौसले की सराहना की।
पुलिस का किरदार अहम
पीजीआइ के रोटो विभाग के नोडल ऑफिसर प्रो. विपिन कौशल और नेफरोलॉजी विभाग के प्रो. एचएस कोहली ने बताया कि ये एक एक्सीडेंट केस था। ऐसे मामलों में पुलिस का किरदार भी अहम होता है। मृतक के बेटे मनप्रीत सिंह ने कहा कि खरड़ की डीएसपी रूपिंदरदीप कौर ने इस केस में पुलिस की तरह से एनओसी दिलाने और अन्य औपचारिकताओं को समय पर पूरा किया।