चंडीगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों में बनाए जाएंगे किचन गार्डन, बच्चों का मिड-डे मील होगा और बेहतर
2019 में शहर के सरकारी स्कूलों में ही 3000 किलोग्राम से अधिक सब्जियों को उगाया गया। इतना ही नहीं यह सब्जियां पूरी तरह से ऑर्गेनिक तौर पर तैयार की गई हैं जिन्हें सरकारी स्कूलों में तैयार होने वाले मिड डे मील में प्रयोग किया गया।
चंडीगढ़, [डॉ सुमित सिंह श्योराण]। चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे-मील को अधिक से अधिक पौष्टिक बनाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा स्कूलों में किचन गार्डन को बड़े स्तर पर प्रमोट किया जा रहा है। बीते 5 सालों में चंडीगढ़ के 50 से अधिक सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन तैयार किए गए हैं।
एक अनुमान के अनुसार 2019 में शहर के सरकारी स्कूलों में ही 3000 किलोग्राम से अधिक सब्जियों को उगाया गया। इतना ही नहीं यह सब्जियां पूरी तरह से ऑर्गेनिक तौर पर तैयार की गई हैं, जिन्हें सरकारी स्कूलों में तैयार होने वाले मिड डे मील में प्रयोग किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा ट्रायल प्रोजेक्ट के तहत शुरू किए गए किचन गार्डन के काफी अच्छे प्रभाव दिखने के बाद अब शहर के अन्य सरकारी स्कूलों में भी इस प्रोजेक्ट को लागू किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा इसे लेकर विशेष योजना तैयार की जा रही है। कोविड-19 के कारण इस प्रोजेक्ट में देरी हुई है लेकिन स्कूल खुलने के साथ ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार बहुत से सरकारी स्कूलों में काफी जंग है खाली पड़ी है। जिसे बेहतर प्रयोग में लाने के लिए आने वाले समय में कई स्कूलों में किचन गार्डन को तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इस जगह पर मिड डे मील में जिस तरह की सब्जी की जरूरत होगी, उसे यहां पर उगाया जाएगा। शहर के लगभग सभी सरकारी स्कूलों में कई साल पहले से हर्बल गार्डन प्रोजेक्ट को लांच किया गया था। जिसके सफल प्रयोग के बाद किचन गार्डन को भी शुरू कर दिया गया।
प्रारंभिक तौर पर सरकारी स्कूलों में 42 नए किचन गार्डन का काम शुरू कर दिया गया है। जहां से थोड़ी बहुत मात्रा में सब्जियां मिलने भी शुरू हो गई है। लेकिन यह अभी काफी छोटे स्तर पर ही शुरू हो पाया है, जिसका आने वाले समय में विस्तार किया जाएगा। किचन गार्डन की देखभाल स्कूल के ही टीचर और स्टूडेंट अपने स्तर पर करेंगे, साथ ही इसमें एनएसएस स्टूडेंट्स का विशेष योगदान होगा । शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि किचन गार्डन से सरकारी स्कूलों में बनने वाले मिड डे मील में तरोताजा सब्जियों का प्रयोग होगा। जिससे विद्यार्थियों की सेहत को काफी लाभ मिलेगा। लेकिन बीते करीब 7 महीनों से कोविड के कारण इस प्रोजेक्ट का काम धीरे हो गया। अगले महीने तक सरकारी स्कूलों के खुलने के बाद फिर से किचन गार्डन को तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा।
स्कूलों ने की पहल बने रोल मॉडल..
शहर के कई सरकारी स्कूलों में काफी बड़े स्तर पर किचन गार्डन में सब्जियां उगाई जा रही हैं। सेक्टर 10 स्थित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में करीब 1287 किलोग्राम पिछले साल सब्जी का उत्पादन किया गया। इसके अलावा गवर्नमेंट स्कूल 15 गवर्नमेंट स्कूल 26, 44, 47,38, 42 और सेक्टर 23 गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी किचन गार्डन तैयार कर यहां सब्जियां उगाई जाती है। सेक्टर 35 स्थित सरकारी स्कूल में भी किचन गार्डन को काफी बड़े स्तर पर प्रमोट किया जा रहा है। इसकी देखभाल में जुटे स्कूल के कर्मचारी प्रदीप त्रिवेणी का कहना है कि यह कांसेप्ट बहुत ही बेहतर है। स्कूल में बनने वाले मिड डे मील के लिए भी यहां पर सब्जियों को उगाया जाता है। किचन गार्डन में तैयार होने वाली सब्जियां पूरी तरह से ऑर्गेनिक है और इसमें देसी खाद का ही प्रयोग होता है। इस काम में टीचर्स के साथ बच्चे भी पूरे उत्साह के साथ हाथ बटाते हैं।
स्कूलों में किचन गार्डन एक बहुत ही अच्छा कांसेप्ट है, इससे कई फायदे देखने को मिले। मिड डे मील के लिए सब्जियों को स्कूल में जरूरत के हिसाब से प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही बच्चों को एकदम फ्रेश मिड डे मील मिलेगा। बच्चों में किचन गार्डन की हॉबी भी डिवेलप होगी। जिन स्कूलों में किचन गार्डन शुरू किए गए, वहां से रिजल्ट भी बहुत अच्छे मिले हैं। भविष्य में अन्य स्कूलों में भी इसे शुरू करने जा रहे हैं।
रुबिंदर सिंह बराड़, डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन चंडीगढ़।