मेट्रो पर किरण खेर व पवन बंसल आमने-सामने
एडवाइजरी काउंसिल मीटिंग में 9 सब कमेटी ने अपनी प्रजेंटेशन पेश की।
चंडीगढ़ (बलवान करिवाल) : पंजाब के गवर्नर एवं यूटी एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा बुलाई गई एडवाइजरी काउंसिल मीटिंग में मेट्रो, पानी, लॉ एंड ऑर्डर और पेड पार्किंग जैसे अहम मुद्दे उठे। सभी 9 सब कमेटी ने अपनी प्रजेंटेशन दी। सांसद किरण खेर ने चिरपरिचित अंदाज में मेट्रो प्रोजेक्ट का विरोध किया। खेर ने कहा कि शहर इतने महंगे प्रोजेक्ट का भार नहीं उठा सकता। जिस पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च हों। साथ ही खुदाई और कंस्ट्रक्शन वर्क से शहर के मूल स्वरूप को नुकसान हो। इस परपूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि यह गलत बात है। मेट्रो शहर का भविष्य है। इसकी सख्त जरूरत है। मेट्रो की वजह से आज दिल्ली सुखी है। पलटकर जवाब देते हुए किरण खेर ने कहा कि उन्हें अच्छे से मालूम था की पवन बंसल जरूर बोलेंगे। बंसल ही नहीं एडीशनल सॉलिसिटर जनरल एवं पूर्व सांसद सत्यपाल जैन ने भी मेट्रो प्रोजेक्ट को शहर के लिए जरूरी बताया। काउंसिल के मेंबर बलदेव गोयल ने भी मेट्रो के पक्ष में बात रखी। हालांकि प्रशासन के अधिकारियों ने जवाब दिया कि मेट्रो प्रोजेक्ट को डंप नहीं किया गया है। लेकिन फिलहाल इसे शुरू करने की स्थिति में नहीं हैं। बेहतर और सस्ते पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अन्य विकल्प सुझाने के लिए फ्रांस की एजेंसी स्टडी कर रही है। यह एजेंसी प्रोजेक्ट को पूरा करने में तकनीकी और आर्थिक मदद भी देगी।
महंगी पेड पार्किंग का मुद्दा भी किरण खेर ने मीटिंग में उठाया। खेर ने कहा कि कर्मचारी को रोजाना 80 से 100 रुपये पार्किंग फीस देनी पड़ती है। यह उन पर बड़ा बोझ है।
पानी के लिए पंजाब से बात
मेयर देवेश मोदगिल ने कजौली वॉटर वर्क्स से चंडीगढ़ को अतिरिक्त पानी दिलाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रशासक से आग्रह करते हुए कहा कि वह पंजाब के गवर्नर हैं। वह पंजाब सरकार से इस पर बात करें तो चंडीगढ़ को 24 घंटे पानी की सप्लाई मिलने लगेगी। गर्मी बढ़ते ही पानी की मांग बढ़ गई है। जिससे दूसरी मंजिल पर पानी नहीं चढ़ रहा। सोशल वेलफेयर की बनेगी 10वीं सब कमेटी
प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने महिलाओं, बुजुर्गो और दिव्यांगों के लिए अलग से सोशल वेलफेयर सब कमेटी बनाने को कहा। इस कमेटी के चेयरपर्सन, मेंबर्स और अधिकारियों का चयन अभी नहीं हुआ है। यह कमेटी इन सभी वर्गो से जुड़े मुद्दों पर काम करेगी। प्रशासक ने सभी सब कमेटी की प्रजेंटेशन के बाद जो चीजें तुरंत लागू की जा सकती हैं उन्हें लागू करने के आदेश प्रशासन को दिए। साथ ही जो बड़े मुद्दे हैं उनका एक्शन प्लान तैयार कर अगली मीटिंग में लाने के लिए आदेश दिए। 9 सब कमेटी के सुझाव
शहर के लिए अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर
वॉटर सप्लाई इंफ्रास्टक्चर
वॉटर सप्लाई का पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार लीकेज और नॉन रेवेन्यू वॉटर लोस का कारण बन रहा है।
- पंपिंग मशीनरी बिजली बचाने वाली नहीं है। इसको अपडेट करने की जरूरत है।
- पंपिंग स्टेशन पर स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम की जरूरत है।
- अंडरग्राउंड रिजर्ववोयर लेवल के मुताबिक पंपिंग मशीनों का ऑटोमेटिक ऑपरेशन हो।
- मौजूदा पाइप लाइन पुरानी है इन्हें फेज वाइज बदलने की सख्त जरूरत है।
- वॉटर सप्लाई पाइप लाइन की ज्योग्राफिक इंफोर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) से मैंपिंग होनी चाहिए। टेरिटेरी ट्रीटेट वॉटर
- टेरिटेरी ट्रीटेड वॉटर घरों से बहुत कम मिल रहा है।
- पानी का सही तरीके से ट्रीटमेंट भी नहीं होता।
- इस पानी की स्काडा नेटवर्क के माध्यम से सप्लाई करनी चाहिए।
- इस्तेमाल से पहले इसका बीओडी लेवल अंतरराष्ट्रीय मानकों अनुसार कम होना चाहिए। सीवरेज एंड स्टोर्म ड्रेनेज इंफ्रास्ट्रक्चर
- यह इंफ्रास्ट्रक्चर 50 साल पुराना है।
- यह वर्तमान जनसंख्या का बोझ उठाने में असमर्थ है।
- प्राकृतिक पानी के स्त्रोत वाली पटियाला की राव, सुखना चौ और एन चौ की पानी क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।
- रोड वॉटर चैनल के साथ सभी तरह का अतिक्रमण रास्ते से हटाने की जरूरत।
रोड एंड ट्रैफिक फ्लो
- सभी राउंड अबाउट पर ट्रैफिक वॉल्यूम स्टडी हो जिससे दिक्कत सुधारने के लिए सुझाव दिए जा सके।
- ट्रैफिक बढ़ने के कारण सीएचबी जंक्शन, ट्रिब्यून चौक और सेक्टर-26 ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट पर साइट कंडीशन को देखते हुए फ्लाइओवर बनाए जाएं।
- नॉन मोटर्राज्ड ट्रैक, पेडेस्ट्रंस पाथवे और साइकिल ट्रैक सही तरह से डायवर्ट हों और राउंड अबाउट या लाइट प्वाइंट से इनकी सही दूरी हो।
- ट्रैफिक के भार को कम करने के लिए ट्राइसिटी के लिए वैकल्पिक रूट बनाए जाएं। ट्रैफिक मैनेजमेंट
- सीसीटीवी कंट्रोल रूम मॉडर्नाज्ड हो
- स्कूल स्टूडेंट्स के लिए कार पूल सिस्टम शुरू हो।
- रोड सेफ्टी जागरूकता और आपात मैसेज फ्लैश के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन लगे।
- रडार स्पीड गन कैमरा, ड्राइवर स्पीड डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं।
- ई-चालान सिस्टम शुरू किया जाए।
- महिलाओं के लिए भी हेलमेट अनिवार्य हो। लॉ एंड आर्डर
चंडीगढ़ अपराध का गढ़ बनता जा रहा है। पुलिसिंग में ग्राउंड लेवल पर सुधार की जरूरत है। इसके साथ ही ग्राउंड जीरो पर पुलिस और पब्लिक में बेहतर तालमेल बनना जरूरी है। शहर के मेन प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरा किसी संख्या को बढ़ाने की जरूरत है। किरण खेर पुलिस की खिंचाई करते हुए कहा कि उनसे जिस एप का लांच कराया उसका क्या हुआ। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए रात को पीसीआर द्वारा छोड़कर आने का प्रचार प्रसार क्यों नहीं। सिर्फ पेपर में विज्ञापन देने की बजाए महिलाओं के बीच जाकर किया जाए जागरूक। पर्यावरण-
वेस्ट मैनेजमेंट
- चंडीगढ़ में स्त्रोत स्तर पर कूड़े का सेग्रीगेशन नहीं हो रहा है। इसको जल्द करने की जरूरत है।
- शहर में ई-वेस्ट भी बड़े स्तर पर होता है। नगर निगम को इसकी सेग्रीगेशन और इक्ट्ठा करने पर भी ध्यान देना चाहिए।
- ई-वेस्ट बीन लगाने की जरूरत। सभी संपर्क सेंटर पर भी यह होने चाहिए। साथ ही इसकी जागरूकता बढ़ाने पर भी काम हो।
- सुखना चौ में गिरने वाले गंदे नालों को रोका जाए।
- पॉलीथिन और प्लास्टिक कैरी बैग को सख्ती से बंद करवाया जाए।
शोर प्रदूषण
- शहर में शोर प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है।
- पार्टी और शादियों में डीजे और साउंड म्यूजिक की मंजूरी तो डीसी और एसडीएम देते हैं। लेकिन साउंड की सीमा कितने डेसिबल होगी। यह नहीं होता। यह भी होना चाहिए। अगर कोई ऐसा न करे तो मंजूरी रद्द हो और जरूरी कार्रवाई भी हो।
- एसएचओ और एसडीएम ऑफिस के स्टाफ को भी डेसिबल लिमिट के बारे में जागरूक करना चाहिए। जिससे वह मौके पर पहुंचकर जांच कर सके। एयर क्वालिटी-
- सर्दियों के महीनों में एयर क्वालिटी काफी खराब हो जाती है।
- इसके मुख्य कारणों में हायर पॉल्यूशन और वाहनों का घनत्व बढ़ना है।
- तापमान का प्रभाव
- फसल कटाई का सीजन है।
- इसको कम करने के लिए स्त्रोत जानने की सही स्टडी होनी चाहिए।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों को सीएनजी पर लाना।
- मोटर्राइज्ड वाहनों पर निर्भरता कम से कम की जाए। ट्रांसपोर्टेशन
- वाहनों की संख्या लगातार बढ़ने से प्रदूषण का स्तर भी नए रिकॉर्ड बना रहा है। जो काफी खतरनाक है।
- कमेटी मेंबर्स ने सुझाव दिया कि मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम को शुरू करने की जरूरत है। जिससे आस-पास एरिया में वाहनों की संख्या कम हो सके।
- बस और ऑटो जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों की नियमित जांच होनी चाहिए। यह वाहन सबसे अधिक देर तक सड़कों पर रहते हैं। जिस कारण प्रदूषण भी अधिक करते हैं। सख्ती से इनका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की जांच होनी चाहिए।
- ट्रैफिक फ्लो रोकना नहीं चाहिए। कई बार बेवजह ट्रैफिक को रोक दिया जाता है। जो परेशानी का कारण बनता है।
- राउंडअबाउट पर स्पष्ट लेनिंग होनी चाहिए। लोगों को लेन और लाइट के प्रति जागरूक करना चाहिए। स्वास्थ्य-
सभी डिस्पेंसरी के खुलने का समय दो बार होना चाहिए। अभी सर्दियों में 9 से 3 और गर्मियों में 8 से 2 बजे तक डिस्पेंसरी खुलती है। जबकि यह टाइमिंग 8-12 और 3-5 होनी चाहिए।
- प्राइमरी और सेकेंडरी लेवल हेल्थ केयर का कंप्यूटराइजेशन होना चाहिए।
- सभी अस्पताल और डिस्पेंसरी में बायोमेट्रिक अटेंडेंस होनी चाहिए।
- डिस्पेंसरी को पब्लिक प्राइवेजट पार्टनरशिप मोड पर आउटसोर्स किया जाए।
- मरीजों के लिए स्मार्ट कार्ड शुरू हो। अर्बन प्लानिंग एंड हेरिटेज प्रिजर्वेशन
- अपार्टमेंट एक्ट लागू होना चाहिए। जिससे एक घर को तीन मंजिल तक फ्लोर वाइज बेचा जा सके।
- ग्रीन शहर में कंक्रीट बढ़ता जा रहा है पेवर ब्लॉक जगह-जगह लगने से बरसात का पानी भी जमीन में नहीं जा पाता।
- पेवर ब्लॉक कहां लगाया जाए इसके लिए नगर निगम के स्तर पर पॉलिसी बनाई जाए।
- पेवर ब्लॉक ऐसे हों जिससे ग्राउंड वॉटर रिचार्ज होता रहे।
- हेरिटेज आइटम्स के प्रबंधन के लिए लंबे समय के लिए रणनीति बनाई जाए।