खालिस्तान लिबरेशन फोर्स आतंकी संगठन घोषित, सरकार ने लगाई पाबंदी
केंद्र सरकार ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। सरकार ने उस पर प्रतिबंध भी लगा दिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। भारत सरकार ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने इस पर पाबंदी लगा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस संगठन को पहली बार प्रतिबंधित किया गया है। इससे पहले बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे संगठन ही प्रतिबंधित किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने पंजाब में पिछले कुछ सालों में हुई आतंकी घटनाओं की जांच के बाद केएलएफ को उसमें शामिल होने को देखते हुए प्रतिबंधित किया है। यह संगठन 1986 में पंजाब को हिंसा के जरिए अलग राष्ट्र खालिस्तान बनाने के इरादे से बना था।
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पंजाब में इस संगठन ने आम लोगों व पुलिस कर्मियों की हत्या और आतंकी गतिविधियों को चलाने को फिरौती के लिए अपहरण जैसी घटनाओं को अंजाम दिया। इन गतिविधियों को बढ़ाने के इरादे से केएलएफ पंजाब के युवाओं को गलत रास्ते पर भी लाने का प्रयास भी करता रहा है।
इन घटनाओं में केएलएफ का हाथ
-पंजाब पुलिस ने पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों में जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया था उनका सीधा संबंध इस संगठन के साथ था। गुरदासपुर में एक पठानकोट निवासी पॉलिटिकल पार्टी के नेता को मारने के प्रयास में चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया जो केएलएफ के थे। इनसे अवैध हथियार भी बरामद हुए।
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-अमृतसर में निरंकारी भवन में हुए हमले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। आशंका जताई गई कि ऐसा करने के पीछे दो समुदायों में झगड़ा करवाने का मकसद था। इसमें भी इस संगठन का नाम आया।
-7 नवंबर 2014 को केएलएफ और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चार लोगों को जालंधर में गिरफ्तार किया गया जिसमें केएलएफ का मुखिया भी शामिल था।