Karvachauth: इस बार करवाचौथ पर 70 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग, इन बातों का ध्यान रखें सुहागिनें
Karvachauth करवाचौथ से एक दिन पहले शनिवार को शहर के सभी बाजार सज चुके हैं। महिलाएं मेहंदी लगवाने के लिए बाजारों में पहुंच रही हैं। सभी मार्केट्स में मेहंदी लगाने के लिए बड़े-बड़े स्टॉल लगे हुए हैं। जहां पर खूब भीड़ उमड़ी हुई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सुहागिनों के लिए सबसे बड़ा पर्व करवाचौथ इस बार 24 अक्टूबर यानि रविवार को है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं और रात को चांद निकलने तक बिना कुछ खाए पीए रहती हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सुहागिनें करवाचौथ का व्रत पंचांग के अनुसार 24 अक्टूबर को रखेंगी।
इससे पहले शनिवार को शहर के सभी बाजार सज चुके हैं। महिलाएं मेहंदी लगवाने के लिए बाजारों में पहुंच रही हैं। सभी मार्केट्स में मेहंदी लगाने के लिए बड़े-बड़े स्टॉल लगे हुए हैं। जहां पर खूब भीड़ उमड़ी हुई है। पंडित विपिन चंद्र नैथानी के अनुसार इस वर्ष करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र एवं मंगल का संयोग बन रहा है जो बेहद कल्याणकारी एवं फलदायी रहेगा।
पंडित विपिन चंद्र नैथानी ने बताया कि करवाचौथ का व्रत एवं पूजन का विशेष महत्व है। इस बार करवाचौथ के दिन रोहिणी नक्षत्र एवं मंगल का योग एक बन रहा है जो पंचांग एवं ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक करवाचौथ को और अधिक मंगलकारी बना रहा है। उन्होंने बताया कि यह अद्भुत संयोग 70 साल की लंबी अवधि के बाद बना है जिसके फलस्वरूप जहां इसके पूजन का फल सहस्त्र गुना अधिक रहेगा वहीं रविवार होने के चलते इसकी महत्वता और अधिक बढ़ जाती है। चंद्रमा में रोहिणी का योग होने से मार्कण्डेय और सत्यभामा योग बन रहा है। यह योग चंदमा की 27 पत्नियों में सबसे प्रिय पत्नी रोहिणी के साथ होने से बन रहा है। पति के लिए व्रत रखने वाली सुहागिनों के लिए यह बेहद फलदायी होगा।
काले और सफेद कपड़ों का करें परहेज
पंडित नैथानी के अनुसार करवाचौथ का दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद प्रिय होने के साथ ही ख़ास महत्व भी रखता है। शास्त्रों में किसी भी शुभ कार्यों में काले एवं सफ़ेद वस्त्रों का परहेज़ किया जाता है जिसके चलते सुहागिन महिलाएं इस दिन काले और सफेद वस्त्रों का परहेज़ करें और लाल अथवा पीले रंग के वस्त्र धारण करें जो अत्यंत कल्याणकारी एवं मंगलमय रहेगा।
रात 8:03 मिनट पर होगा चंद्रोदय
करवाचौथ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। करवा यानी मिट्टी का बर्तन और चौथ यानि चतुर्थी। इस त्योहार पर करवे का विशेष महत्व माना गया है। सभी सौभायवती महिलाएं वर्ष भर इस पर्व का इंतजार करती हैं और इसकी सभी विधियों को बड़े श्रद्धा-भाव से निभाती हैं। करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत बंधन, प्यार और विश्वास का प्रतीक है। करवाचौथ के दिन सायंकाल गणपति महाराज, भगवान शंकर, माता पार्वती एवं कार्तिकेय का पूजन करने के बाद व्रत की कथा का श्रवण कर रात्रि को चंद्रदेव को अर्ध्य देकर व्रत संपन्न करती हैं। शहर में रविवार को रात 8:03 मिनट पर चंद्रोदय होगा।