कागजों से निकल कर जमीन पर नहीं आ पा रहा करतारपुर कॉरिडोर, क्रेडिट वार से फंसा पेंच
करतारपुर कॉरिडोर का कार्य क्रेडिट वार के कारण कागजों से बाहर नहीं निकल रहा है। इस कॉरिडोर पर केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच क्रेडिट वार छिड़ गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच क्रेडिट वार छिड़ी हुई है। 26 नवंबर को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा नींव पत्थर रखने के बाद से ही पंजाब में करतारपुर कॉरिडोर राजनीति के केंद्र में बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 3 जनवरी को गुरदासपुर में धन्यवाद रैली की और इसका जिक्र किया। हकीकत यह है कि करीब डेढ़ माह बाद भी कॉरिडोर को लेकर गाड़ी आगे नहीं बढ़ पाई है।
केंद्र ने जमीन अधिग्रहण के लिए फंड नहीं दिया : कैप्टन
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने कॉरिडोर के बुनियादी ढांचे के लिए जमीन अधिग्रहित करने को फंड नहीं मुहैया करवाया है। अहम यह भी है कि मुख्यमंत्री जहां गेंद केंद्र सरकार के पाले में डालने की कोशिश कर रहे हैं वहीं, पंजाब के पीडब्ल्यूडी मंत्री विजय इंदर सिंगला का कहना है कि इस मामले में कई डिपार्टमेंट शामिल हैं। इनमें सेना, बीएसएफ, नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया आदि प्रमुख हैैं। सभी से मंजूरी लेनी पड़ेगी। फंड से ज्यादा कागजी कामकाज को पूरा करना जरूरी है जिस पर काम चल रहा है।
सरकार कंसलटेंट नियुक्त करने की तैयारी में : सिंगला
सिंगला यह भी कहते हैं कि इसे लेकर सरकार एक कंसलटेंट नियुक्त करने जा रही है। इसके लिए शीघ्र ही टेंडर लगाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी मंत्री जहां कागजी कामकाज की बात कर रहे हैैं वहीं, कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा कहते हैैं कि पाकिस्तान में काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। भारत में नींव पत्थर रखने के अलावा कोई काम आगे नहीं बढ़ा है।
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