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राज्‍यपाल के बाद हिमाचल के चीफ जस्टिस भी हरियाणवी, जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के न्‍यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को हिमाचल प्रदेश उच्‍च न्‍यायालय का मुख्‍य न्‍यायाधीश नियुक्‍त किया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 03:59 PM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 05:38 PM (IST)
राज्‍यपाल के बाद हिमाचल के चीफ जस्टिस भी हरियाणवी, जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति
राज्‍यपाल के बाद हिमाचल के चीफ जस्टिस भी हरियाणवी, जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के न्‍यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को हिमाचल प्रदेश उच्‍च न्‍यायालय का मुख्‍य न्‍यायाधीश नियुक्‍त किया गया है। उनकी नियुक्ति के बारे में बुधवार को आदेश जारी किया गया। अभी इससे पहले जस्टिस संजय करोल हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्य कर रहे थे। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के राज्‍यपाल आचार्य देवव्रत भी हरियाणा से ही हैं।

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इस संबंध में केंद्र सरकार के कानून एवं विधि मंत्रालय के न्याय विभाग ने बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी। अध्‍ािसूचना के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 217 की उपधारा (1) के तहत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस सूर्य कांत को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है।

जस्टिस सूर्यकांत का नाम इस वर्ष जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जनवरी में मंजूर कर‍ दिया था। लेकिन इस पर अधिसूचना अब जारी हुई है। हिमाचल उच्च न्यायालय में मुख्‍य न्‍यायाधीश का पद अप्रैल 2017 में खाली हुआ था। सरकार को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा भेजे गए 10 नामाें में जस्टिस सूर्यकांत का नाम भी शामिल था।

जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के पेटवाड़ गांव के रहनेवाले हैं। उनका जन्‍म हिसार के एक मध्‍यम वर्ग परिवार में 10 फरवरी, 1962 को हुआ था। उन्‍होंने 1977 में गांव के स्कूल से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्‍होंने 1981 में हिसार के राजकीय कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्‍होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की डिग्री हासिल की।

इसके बाद उन्‍होंने 1984 में ही हिसार की जिला अदालत में पैक्टिस शुरू की। बाद में उन्‍होंने चंडीगढ़ में 1985 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की।
7 जुलाई, 2000 को उन्‍हें हरियाणा के एडवोकेट जनरल नियुक्त किए गए। वह हरियाणा का एडवोकेट जनरल बनने वाले सबसे कम उम्र के व्‍यक्ति थे।

उनको 9 जनवरी, 2004 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। उनको 23 फरवरी, 2007 को राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। वह इस पद पर 22 फरवरी, 2011 रहे।


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