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जज पेपर लीक मामला : सेकेंड टॉपर और जीजा-साला दोबारा तीन दिन के रिमांड पर

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हरियाणा सिविल सर्विसेज (ज्यूडिशियल) प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामल

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 02:04 AM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 02:04 AM (IST)
जज पेपर लीक मामला : सेकेंड टॉपर और जीजा-साला दोबारा तीन दिन के रिमांड पर
जज पेपर लीक मामला : सेकेंड टॉपर और जीजा-साला दोबारा तीन दिन के रिमांड पर

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हरियाणा सिविल सर्विसेज (ज्यूडिशियल) प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार सेकेंड टॉपर तेजिंदर बिश्नोई और जीजा-साले को बुधवार कोर्ट में पेश कर एसआइटी ने दोबारा तीन दिन के रिमांड में लिया है। एसआइटी ने अपनी दलील में कहा कि आरोपितों को सामने-सामने बैठाकर सवाल-जवाब करना है। इसके अलावा पैसे कहां से आए, किसके-किसके पास बंटे और अन्य कौन-कौन आरोपित शामिल थे। इसकी पूरी डिटेल्स आरोपितों से पूछताछ करनी है। जिसके बाद कोर्ट ने तीनों आरोपितों को तीन दिन के रिमांड में भेज दिया। इससे पहले बीते शनिवार को एसआइटी ने आरोपित आयुषी के पिता सुभाष गोदारा और मामा सुशील भादू को गिरफ्तार कर रविवार को 4 दिन के रिमांड में लिया था। जबकि, उनकी निशानदेही पर एसआइटी ने सेकेंड टॉपर तेजिंदर बिश्नोई को बीते सोमवार को गिरफ्तार कर 2 दिन के रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान तेजिंदर ने खुलासा किया कि उसने आगे भी दो कैंडिडेट्स को पेपर खरीदने के लिए मुलाकात करवाई थी। इससे पहले मामले में आरोपित ने खुलासा किया कि उसने 7 लाख रुपये एडवांस दिए थे और काम पूरा होने पर 1 करोड़ रुपये देने का एग्रीमेंट किया था। तीनों आरोपित 50-50 हजार रुपये के ईनामी थे। 19 सितंबर 2017 को दर्ज हुआ था केस

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पिंजौर निवासी सुमन ने याचिका दायर कर कहा था कि हरियाणा ने एचसीएस ज्यूडिशियल के 109 पदों के लिए आवेदन मागे थे। जिसके बाद पेपर की तैयारी के लिए एक कोचिंग जाना शुरू कर दिया। इस बीच उसकी दोस्ती सुशीला से हो गई। जिसके बाद गलती से उसने एक ऐसी ऑडियो रिकार्डिग भेज दी, जिसमें वह अन्य लड़की से डेढ़ करोड़ में नियुक्ति की बात कर रही थी। पूछने पर पेपर लीक होने के मामले का खुलासा हुआ था। जिसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 19 सितंबर को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 8, 9, 13 (1) डी, 13 (2) और आइपीसी 409, 420, 120बी धारा के तहत सेक्टर-3 थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर ही इसकी जाच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम का गठन किया गया था। जिसमें एसपी रवि कुमार सिंह, डीएसपी कृष्ण कुमार और इंस्पेक्टर पूनम दिलावरी को शामिल किया गया।


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