कांग्रेस में एंट्री होते ही खैहरा ने निकाली भड़ास, बाेले- केजरीवाल की पार्टी में शामिल होना सबसे बड़ी भूल
सुखपाल सिंह खैहरा ने आज कांग्रेस में शामिल होते ही आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर भड़ास निकाली। खैहरा ने कहा अरविंद केजरीवाल जैसे कायर की पार्टी में शामिल होना मेरी सबसे बड़ी भूल थी।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। कांग्रेस में एंट्री होने के बाद आम आदमी पार्टी से कभी से नेता विपक्ष रहे सुखपाल खैहरा ने आप के राष्ट्रीय कनवीनर अरविंद केजरीवाल पर जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा, 'एक स्थापित पार्टी को छोड़कर केजरीवाल जैसे कायर की पार्टी में शामिल होना मेरी सबसे बड़ी गलती थी।' उन्होंने सवाल किया कि अरविंद केजरीवाल जिस स्वराज को लाने की बात करते थे क्या वह उसे लाए? केजरीवाल को अपने कामों को देखकर लोगों को यह बताना चाहिए कि वह ऐसा करने में नाकाम क्यों रहे?
कहा, केजरीवाल तो मजीठिया से माफी मांगकर निकल गए, लोगों को जवाब हमें देना पड़ा
खैहरा ने अपने नेता विपक्ष बनने की कहानी के पीछे का सच बताते हुए कहा कि केजरीवाल नहीं चाहते थे कि मैं नेता विपक्ष बनूं। जिस समय एचएस फूलका ने विपक्ष के नेता के पद का छोड़ा पार्टी के करीब 16 विधायक चाहते थे कि मैं विपक्ष का नेता बनूं। क्योंकि, मैं मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाता था। परंतु मुझे दिल्ली बुलाया गया। केजरीवाल के साथ बैठक हुई जिसमें पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी संजय सिंह भी मौजूद थे।
खैहरा ने कहा, केजरीवाल इस बैठक से पहले सभी विधायकों से बात कर चुके थे और सभी ने मेरे बारे में ही राय दी थी। बैठक के दौरान केजरीवाल ने मुझसे कहा कि आप हमारे खिलाफ बोलते रहते हो, इसलिए मैं आपको किसी भी सूरत में विपक्ष का नेता नहीं बनाना चाहता। इस पर मैंने कहा कि आपने टिकटों का बंटवारा गलत किया है। आप पंजाबियों को तवज्जो ही नहीं दे रहे। केजरीवाल मेरे साथ बहस करने लगे तो संजय सिंह ने केजरीवाल से कहा कि भाई साहिब जब आपने विपक्ष का नेता बना ही दिया है तो अब बहस करने का क्या फायदा।
कहा- केजरीवाल नहीं चाहते थे कि मैं नेता विपक्ष बनूं, विधायकों के कारण बन पाया
खैहरा ने आरोप लगाया कि अगर विधायक मेरे साथ न होते तो केजरीवाल मुझे कभी विपक्ष का नेता न बनाते। इसलिए यह कहना गलत है कि केजरीवाल ने मुझे विपक्ष का नेता बनाया। उन्होंने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल ने ड्रग्स के मुद्दे पर पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया से माफी मांगी तो मैंने इसका विरोध किया।
खैहरा ने कहा कि केजरीवाल तो बिक्रम से माफी मांगकर पतली गली से निकल गए, लेकिन लोग सवाल हमसे कर रहे हैं। मेरे खिलाफ अकाली- भाजपा सरकार की ओर से दर्ज किया गया एनडीपीएस एक्ट का केस खुला, उसे सुप्रीम कोर्ट तक मैंने भुगता। जब ईडी की रेड हुई तो क्या आम आदमी पार्टी के किसी नेता ने मेरा साथ दिया। आखिर हम किसके लिए लड़ रहे थे।
खैहरा ने कहा कि केजरीवाल की इसी कायरता की वजह से पंजाबी आम आदमी पार्टी से पीछे हट गए। पंजाबियों ने 2014 के चुनाव में उन्हें 24 फीसद वोट दिए थे और आप इसी वोट बैंक के आधार पर सत्ता में आने के ख्वाब देख रही थी। परंतु आप अब केवल दो फीसद वोट तक सीमित होकर रह गई है।