Move to Jagran APP

कुछ घंटे पहले ही बेटे जीव ने बताया था मां अब दुनिया में नहीं रही

उड़न सिख कभी हार नहीं मानने वाले खिलाड़ी थे। वह 33 दिन तक मौत से लड़ते रहे और 18 जून की रात उन्होंने आखरी सांस ली। 91 साल की उम्र में भी उनकी फिटनेस किसी युवा जैसी थी। कोरोना से रिकवरी के बावजूद मिल्खा सिंह आखिर कैसे अलविदा कह गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 09:06 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 09:06 PM (IST)
कुछ घंटे पहले ही बेटे जीव ने बताया था मां अब दुनिया में नहीं रही
कुछ घंटे पहले ही बेटे जीव ने बताया था मां अब दुनिया में नहीं रही

डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़

loksabha election banner

उड़न सिख कभी हार नहीं मानने वाले खिलाड़ी थे। वह 33 दिन तक मौत से लड़ते रहे और 18 जून की रात उन्होंने आखरी सांस ली। 91 साल की उम्र में भी उनकी फिटनेस किसी युवा जैसी थी। कोरोना से रिकवरी के बावजूद मिल्खा सिंह आखिर कैसे अलविदा कह गए। यह सवाल उनके चाहने वाले लाखों लोगों के दिल और दिमाग में है। 13 जून को मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर की कोरोना से मौत हो गई थी। लेकिन इस बारे में मिल्खा सिंह को अंतिम सांस लेने से कुछ घंटे पहले ही बताया गया था।

दैनिक जागरण से बातचीत में मिल्खा सिंह के बेटे जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि पिता की सेहत शुक्रवार को जब बिगड़ने लगी तो हमने फैसला लिया कि पापा को अब मां की मौत के बारे में बता देना चाहिए। जीव बताते हैं कि शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे उन्होंने खुद पिता को मां के देहांत के बारे में जानकारी दी थी। वह कुछ बोल तो नहीं पाए, लेकिन आंखों के इशारे से लगा मानों वह सब कुछ समझ गए। जीव बताते हैं कि मेरे पेरेंट्स की काफी अच्छी अंडस्टेंडिग थी। दोनों ने ही परिवार में हमेशा अच्छे संस्कारों का समावेश किया। वह हमेशा पॉजिटिव सोच के इंसान थे। उनके लाखों चाहने वालों ने उन्हें हमेशा बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। इसे ही वह अपनी सबसे बड़ी पूंजी मानते थे। अंतिम दर्शन को युवा भी पहुंचे

फ्लाइंग सिख हमेश से ही युवाओं के रोल मॉडल रहे हैं। वह जिस भी कार्यक्रम में चले जाते वहां पर युवा और बड़े सभी उनके साथ सेल्फी के लिए तैयार रहते थे। शुक्रवार को इस महान खिलाड़ी की यादों को समेटने के लिए शहर के कई युवा उनके घर के सामने उन्हें आखरी नमन करने पहुंचे। निवेदन पर जीव मिल्खा ने खुद ही पिता के अंतिम दर्शन करने की इजाजत दे दी। मालिक के निधन से डॉगी भी निराश

मिल्खा सिंह और पूरे परिवार को अपने डॉगी से बहुत लगाव था। घर में कई डॉगी उनके साथ रहते थे। शनिवार को मिल्खा सिंह के पार्थिव शरीर के पास बार बार उनके डॉगी आकर ठहर से जाते। जैसे ही मिल्खा सिंह की शव यात्रा शुरू हुई दोनों डॉगी मालिक के जाने के गम में गर्दन झुकाए फर्श पर बैठ गए। घर के ही एक जानकार ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से मिल्खा और निर्मल कौर का अधिकतर समय इन डॉगी के साथ ही बितता था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.