Move to Jagran APP

इस कालेज का हर छात्र जाना चाहता है सेना में, 12 दे चुके हैं देश के लिए प्राणों की आहुति

चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित डीएवी कालेज के कई छात्र सेना में हैं। यहां के 12 छा्त्र अब तक देश के लिए प्राण न्योछावर कर चुके हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 04:25 PM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 09:00 AM (IST)
इस कालेज का हर छात्र जाना चाहता है सेना में, 12 दे चुके हैं देश के लिए प्राणों की आहुति
इस कालेज का हर छात्र जाना चाहता है सेना में, 12 दे चुके हैं देश के लिए प्राणों की आहुति

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। हमेशा शांत रहने वाली सिटी ब्यूटीफुल में एक कालेज एेसा भी है जहां के सैकड़ों छात्र सेना भर्ती होकर देशसेवा में जुटे हैं। इस कालेज से निकले 12 छात्र सेना में भर्ती होकर देश के लिए प्राण न्योछावर कर चुके हैं। यह कालेज है सेक्टर 10 का डीएवी कालेज।

loksabha election banner

डीएवी कालेज की आबोहवा ही ऐसी है कि हर युवा खुद को गौरवान्वित महसूस करता है। कारगिल युद्ध में ही नहीं, बल्कि समय-समय पर डीएवी के पासआउट स्टूडेंट्स ने शहादत दी है। इतनी शहादतें देने के बाद भी कालेज का काम अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि हर साल कालेज के युवाओं का सेना ज्वाइन करने का सिलसिला जारी है। कालेज में हर साल 240 युवा एनसीसी के सी सर्टिफिकेट लेकर कॉलेज से पास आउट होते हैं और अब तक कालेज दस साल में ही 60 से अधिक आर्मी अफसर देश को दे चुका है।

शौर्य भवन रखा नाम

कालेज के युवाओं की शहादत को देखते हुए प्रशासनिक भवन का नाम शौर्य भवन रखा गया है। कारगिल वॉर में अपनी बहादुरी से दुश्मन को नाको चने चबाने वाले कैप्टन विक्रम बतरा और संदीप सागर की याद चंडीगढ़ ही नहीं पूरे देश के लोगों के जेहन में है।

एजुकेशन सिस्टम पर फोकस

डीएवी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल प्रो. आरसी जीवन के अनुसार कालेज का एजुकेशन सिस्टम ही ऐसा है कि स्टूडेंटस की ओवरआल डेवलपमेंट पर फोकस हो तथा उसमें देशभक्ति की भावना का संचार हो। इसके लिए जहां एनसीसी के आर्मी, एयर और नेवल विंग में स्टूडेंटस की एक्टिव भागीदारी रहती है वहीं कालेज के एक्स स्टूडेंटस की वीरता की कहानियों से भी उन्हें रूबरू करवाया जाता है।

कालेज का हर स्टूडेंटस शहीदों की प्रतिमा के सामने से गुजरते हुए और शहीद गैलरी में जाकर खुद को गौरवान्वित महसूस करता है। कॉलेज में 80 के दशक से एनसीसी है। साइंस स्ट्रीम की सीटें यहां पर बाकी कॉलेजों से हमेशा ज्यादा रहती थी। कालेज में एनसीसी स्टूडेंटस को प्रमोट किया जाता है। कालेज में एनसीसी लेने वाले अधिकांश साइंस स्टूडेंटस है और साइंस में मैथ मेन विषय है जो कि सेना के टेस्ट में बहुत काम आता है।

परमवीर चक्र विजेता तक कालेज से

देश के लिए शहादत देने वाले डीएवी के 12 स्टूडेंट्स में सबसे पहले शहीद होने वाले लेफ्टिनेंट अनिल यादव थे। उसके बाद कैप्टन रोहित कौशल ने शहादत दी। जिन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उसके बाद मेजर संदीप सागर थे जिन्होंने कारगिल युद्ध में शहादत दी। इसी युद्ध में कैप्टन विक्रम बतरा भी शहीद हुए थे। राजस्थान से आकर डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 में स्टूडेंट्स काउंसलिंग में धाक जमाने वाले कैप्टन रिपुदमन सिंह की शहादत को भी हर युवा याद करता है। उसके बाद शहादत देने वालों में मेजर मनविंदर सिंह, मेजर नवनीत वत्स, फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुरसिमरत सिंह, ब्रिगेडियर बीएस शेरगिल, कैप्टन अतुल शर्मा, राजीव संधू और कैप्टन विजयंत थापर रहे।

 

एक ही टीचर के छह स्टूडेंट शहीद

डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 में पढ़ाने वाले प्रो. रविंद्र डोगरा शहादत को याद करके फफक पड़ते है। डोगरा का कहना है कि भारत-पाक लड़ाई में मैंने अपने 6 बेटों को खोया है। कॉलेज का एक्टीविटी इंचार्ज होने के कारण वह स्टूडेंट्स के करीब थे। कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन रिपुदमन, मेजर संदीप सागर, कैप्टन अतुल शर्मा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुरमिसरत सिंह ढींडसा, और मेजर नवनीत सिंह के वह बहुत ही करीब थे। डोगरा के अनुसार देश के लिए जान देने वाले यह छह युवाओं ने अपनी लाइफ का लक्ष्य पहले ही निर्धारित किया हुआ था।

युवाओं को दिलाते है शहादत की याद

डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 के प्रिंसिपल डॉ. बीसी जोसन का कहना है कि कालेज के शहादत देने वाले युवा देश का गौरव है। कालेज के युवाओं से लेकर टीचर्स के दिन की शुरूआत इन शहीदों को नमन करने से होती है। इसके अलावा मैं समय-समय पर स्टूडेंट्स को शहीदों के बारे में बताता हैं, ताकि वह मोटिवेट हो सके और देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहें।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.