इस प्रोफेशनल हैकर ने किए होश उड़ाने वाले खुलासे, अाप भी रहें होश्ाियार
आपको पता नहीं लगता और आपके अकाउंट से लाखों रुपये उड़ा लिए जाते हैं। या आपका पर्सनल वीडियो लीक हो जाता है। ये सब कैसे होता है? कौन करता है? बता रहे हैं अंकित फादिया...
चंडीगढ़ [शंकर सिंह]। पहले चोरी फिजिकल होती थी, इन दिनों वर्चुअल होती है। आपको पता नहीं लगता और आपके अकाउंट से लाखों रुपये उड़ा लिए जाते हैं। या आपका पर्सनल वीडियो लीक हो जाता है। ये सब कैसे होता है? कौन करता है? एथिकल हैकर अंकित फादिया ब्राउजर लाइब्रेरी-8 पहुंचे तो उन्होंने साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम से खुद को कैसे सुरक्षित रखा जाए.. इस पर बात की।
साथ ही देश के प्रसिद्ध एथिकल हैकर अंकित फादिया ने बताया कि पुलिस से लेकर आम लोग भी इनके पास रोजाना साइबर से जुड़ी समस्या लेकर पहुंचते हैं। इसमें सबसे मजेदार होती है गर्लफ्रेंड के अकाउंट को हैक करने की रिक्वेस्ट भी इसमें शामिल है। अंकित ने शहर में अपनी पहली फिक्शन द कैसिनो जॉब का विमोचन भी किया। आइए पेश है उनसे बातचीत पर आधारित अंश...
किसी का पर्सनल वीडियो लीक होता है, इसके पीछे ज्यादातर वजह क्या रहती हैं?
पर्सनल वीडियो लीक होने का सबसे बड़ा कारण आपकी लापरवाही होती है। आप अपना फोन किसी दोस्त को देते हैं, तो हो सकता है वह हैकिंग एप आपके फोन में डाउनलोड कर दे। ये एप फोन में दिखेगी नहीं, मगर इंस्टाल हो जाएगी। इसके बाद वह अपने फोन में आपके मैसेज, वाट्सएप, इमेज और वीडियो तक देख सकता है।
जब भी कोई एप डाउनलोड की जाती है, वो भी हमारी पर्सनल इमेज, गैलरी और मैसेज पढ़ने की परमिशन मांगती है?
हां, इस पर बहस आज भी जारी है। कोई भी एप हो, आपसे इसकी परमिशन मांगती है। अगर आप इसे एक्सेप्ट न करो, तो वो एप डाउनलोड ही नहीं होती। मगर अभी तक एप के द्वारा कोई पर्सनल वीडियो या चैट लीक होने की खबर या केस मुझ तक नहीं पहुंचा। मगर एप आपके सभी इमेज, वीडियो या मैसेज की एक्सेस रखता है।
भारत में साइबर सिक्योरिटी किस स्थिति में है?
भारत अभी बहुत पीछे है। वजह है दिनोंदिन तकनीक में विकास होना। सरकार एक पॉलिसी बनाती है, इससे पहले ही तकनीक बदल जाती है। अभी देश में जितने भी फोन आ रहे हैं, वो चाइना, अमेरिका और अन्य देशों से हैं। इसमें एप भी उन्हीं देशों के इंस्टाल रहते हैं। ऐसे में जैसे ही आप उस फोन को इस्तेमाल करते हैं, दूसरे देश में आपकी सारी सूचनाएं पहुंच जाती हैं। दिक्कत ये है कि विदेशों की तुलना में भारत में लोगों के पास लैंडलाइन फोन नहीं पहुंचे, हम सीधे मोबाइल से जुड़ें। जिस वजह से हमें इसे समझने में समय लगा।
गूगल ईको और अन्य डिवाइस डाटा लीक कर सकते हैं?
इन दिनों कई कंपनी वॉकिंग डिवाइस लेकर आई हैं, जो आपके इशारे में म्यूजिक से लेकर मोबाइल से कॉल तक करती है। मगर ये एक तरह से ट्रांसमिशन भी होता है, जैसे आप इसे बेशक बंद कर दें, मगर फिर भी घर की बातचीत को ये रिकॉर्ड कर सकता है और दूर बैठी कंपनी इसे सुन भी सकती है।
सेलिब्रिटी और आम लोग क्या समस्या लेकर आते हैं?
ज्यादातर अकाउंट हैक। सेलिब्रिटी अपने अकाउंट खुद हैंडल नहीं करते। वो इन्हें पीआर द्वारा हैंडल करते हैं, जिन्हें तकनीक की ज्यादा समझ नहीं। ऐसे में यदि उन्हें कोई फंक्शन में इनवाइट करने के लिए मेल आती है, तो वो उसे खोल लेते हैं, ज्यादातर ऐसे मेल वायरस से भरे होते हैं, जो एकदम उनके अकाउंट को हैक कर देते हैं। आम लोगों में ज्यादातर रिक्वेस्ट अपने ब्वायफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के मोबाइल या वाट्सएप अकाउंट हैक करने की आती है, जो मैं नहीं करता।
किताब लिखने का विचार कैसे आया?
ये मेरी 20वीं किताब है। इससे पहले सभी किताब तकनीक पर लिखी, मगर ये फिक्शन है। इसे एक थ्रीलर के रूप में लिखा। डेढ़ वर्ष लिखने का समय लगा। ये कहानी कैसिनो में सिक्योरिटी कैमरा हैक करने पर आधारित है।
फिल्म डाई हार्ड 4.0 में विलेन पूरे स्टेट को हैक कर लेता है, भारत में ऐसी स्थिति हो, तो क्या हम इसका सामना करने में सक्षम हैं?
नहीं, ये स्थिति काफी भयावह हो सकती है। मगर भारत पूरी तरह से इंटरनेट से नहीं बंधा है। फिल्म में पूरी सिटी, जो विदेश में ही है, इंटरनेट से कनेक्टेड थी। ऐसे में, हमारा साइबर सेल इतना मजबूत होना चाहिए जो इन दिनों लगातार डिजिटल बनते जा रहे इंडिया को सेफ भी रखे।
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