जगमेल हत्याकांडः समझौते में मुआवजे की पहली शर्त पूरी, संस्कार से पहले परिवार को दिया छह लाख चेेक
अनुसूचित जाति के युवक जगमेल सिंह के परिवार को अंतिम संस्कार से पहले 20 लाख रुपये की मुआवजा राशि में से छह लाख रुपये का चेक दे दिया गया है।
जेएनएन, संगरूर/चंडीगढ़। गांव चंगालीवाला के अनुसूचित जाति के युवक जगमेल सिंह की मौत के बाद फूटा लोगों का गुस्सा शांत हो गया है। मंगलवार को समझौते के मुताबिक जगमेल सिंह के परिवार को मिलने वाले 20 लाख रुपये के मुआवजे की राशि में से छह लाख रुपये की राशि का चेक अंतिम संस्कार से पहले कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला ने जगमेल की पत्नी मनजीत कौर को सौंपा। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री बीबी राजिंदर कौर भट्ठल, डीसी घनश्याम थोरी, एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग भी मौके पर मौजूद रहे।
बता दें, गत दिवस पोस्टमार्टम न करने पर अड़े परिजनों व सरकार के बीच समझौता हुआ था। कैप्टन संदीप संधू, तृप्त राजिंदर बाजवा, विजय इन्द्र सिंगला, चरनजीत चन्नी, विधायक कुलबीर जीरा, लखबीर लक्खा, बरिंद्रमीत पाड़ा की मौजूदगी में हुई बैठक में इस पर सहमति बनी थी। बैठक में पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा देने, 1.25 लाख घर की मरम्मत के लिए देने पर भी सहमति बनी।
इससे पूर्व पीजीआइ के बाहर परिवार के सदस्य धरने पर बैठे थे। वह मांगें न माने जाने तक पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर रहेे थेेे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विदेश से लौटने के बाद मांगों पर विचार करने का आश्वासन मिलने के बाद परिवार ने कहा था कि कोई बात नहीं, जब मुख्यमंत्री विदेश से लौट आएंगे तो अंतिम संस्कार कर लेंगे, लेकिन बाद में परिवार मान गया।
समझौता पत्र में ये बातें
- पुलिस सात दिन के भीतर चालन पेश कर देगी
- तीन माह के भीतर दोषियों को सजा दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी
- पुलिस द्वारा घटना में दिखाई लापरवाही केे आरोपों की जांंच एडीजीपी रैंक के अधिकारी करेंगे
- परिवार को नियमानुसार 20 लाख मुआवजा दिया जाएगा, जिसमें छह लाख पोस्टमार्टम वाले दिन और बाकी 14 लाख रुपये भोग वाले दिन दिए जाएंगे
- कुल मुआवजे के अलावा मकान की मरम्मत के लिए एक लाख 25 हजार रुपये दिए जाएंगे
- पीड़ित परिवार को छह माह की राशन व भोग का सारा खर्चा दिया जाएगा
- बच्चों का ग्रेजुएशन तक सारा खर्च सरकार वहन करेगी
- मृतक की पत्नी को घर के नजदीक ग्रुप में सरकारी नौकरी दी जाएगी
मामले पर होने लगी थी राजनीति
बता दें, मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था। पीजीआइ के बाहर बैठे परिजनों से मिलने बहुजन समाज पार्टी के प्रधान सुरजीत सिंह, आप नेता हरपाल सिंह चीमा और अन्य जत्थेबंदियों के नेताओं ने मुलाकात की। इसके साथ ही चेतावनी दी कि सरकार ने पीडि़त परिवार के लिए कोई कदम नहीं उठाया तो बड़ा कदम उठाएंगे। सामाजिक सुरक्षा मंत्री साधु सिंह धर्मसोत और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कैप्टन संदीप संधू ने भी पीडि़त परिवार से मुलाकात की थी। परिवार को अनुसूचित जाति एक्ट मुताबिक आठ लाख रुपये की वित्तीय मदद देने का भरोसा दिया। इस पर स्वजनों ने सरकारी नौकरी, 50 लाख मुआवजा और दोषियों के अलावा इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों और मामला दर्ज करने में देरी करने वाले पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी।
धर्मसोत ने मनजीत कौर और जगमेल की बहनों से कहा कि मैं ख़ुद एससी हूं। आपके साथ हमदर्दी रखता हूं। एससी एक्ट के मुताबिक आठ लाख रुपये देने का वादा करता हूं। मुख्यमंत्री अभी विदेश में हैं। वापस आकर ही वह नौकरी व मुआवजे पर फैसला करेंगे। इस पर स्वजनों ने कहा कि कोई न सीएम आ गए तब कर लेंगे संस्कार। एक रिश्तेदार ने मंत्री से कहा कि आठ लाख का प्रावधान तो एससी एक्ट में है। इसमें सरकार ने क्या किया। ऐसा भरोसा तो पुलिस का एक कांस्टेबल भी देकर गया था। वहीं बसपा के प्रदेश अध्यक्ष जसबीर सिंह ने पीडि़त परिवार को एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की। बहरहाल, अब सरकार व पीड़ित परिवार के बीच समझौता हो गया है।
बीबी राजिंदर कौर भट्ठल की कोठी समक्ष लगाया धरना
उधर, संगरूर में गुस्साए लोग पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल की कोठी के समक्ष धरने पर बैठेे। उन्होंने रोष जाहिर करते हुए कहा कि सरकार इस मामले में ढील बरत रही है व जल्द से जल्द उक्त मांगों को पूरा किया जाएगा। सांसंद प्रेम सिंह चंदूमाजरा, विधायक परमिंदर सिंह ढींडसा ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की। परिवार को पूरा इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष की हिमायत का एलान किया।
वेरका बोले, मैं खुद करूंगा केस की पैरवी, चीफ जस्टिस से मिलेंगे
पीडि़त परिवार से रविवार को विधायक राजकुमार वेरका ने भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी और पीड़ित परिवार को हर मदद दी जाएगी। वेरका ने आइजी पटियाला रेंज जतिंदर सिंह औलख, डिप्टी कमिश्नर घनश्याम, एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग से भी मुलाकात की और घटना की जानकारी ली। वेरका ने कहा कि वह खुद इस केस की पैरवी करेंगे और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला, बीबी रााजिंदर कौर भट्ठल व अन्य नेता भी मौजूद थे।
सीएम ने मुख्य सचिव व डीजीपी से ली घटना की जानकारी
विदेश दौरे पर गए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव करन अवतार सिंह और डीजीपी दिनकर गुप्ता से केस से संबंधित जानकारी हासिल की। उन्होंने दोनों अधिकारियों को आदेश दिए कि इस घृणित अपराध के आरोपितों को तीन माह में सख्त सजा दिलाने को यकीनी बनाने में कोई कसर न छोड़ी जाए।
जगमेल के परिवार को प्रदर्शन खत्म करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने एलान किया कि राज्य सरकार पीडि़त परिवार को इंसाफ दिलाने और परिवार की सहायता को यकीनी बनाएगी। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मानवतावादी मामला और गंभीर अपराध है जिसे माफ नहीं किया जाएगा। किसी राजनीतिक पार्टी या नेता को इस दर्दनाक घटना से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
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