कर्मचारियों से स्मार्ट वॉच वापस लेना आसान नहीं, करोड़ों का होगा नुकसान
अगर नगर निगम ने 28 फरवरी को होने वाली सदन की बैठक में यह निर्णय लिया कि सरकारी कर्मचारियों से स्मार्ट वॉच वापस ले ली जाए तो इससे बदले में नगर निगम को स्मार्ट वॉच की सप्लाई देने वाली कंपनी को तीन करोड़ रुपये की राशि का भुगतान करना होगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : अगर नगर निगम ने 28 फरवरी को होने वाली सदन की बैठक में यह निर्णय लिया कि सरकारी कर्मचारियों से स्मार्ट वॉच वापस ले ली जाए तो इससे बदले में नगर निगम को स्मार्ट वॉच की सप्लाई देने वाली कंपनी को तीन करोड़ रुपये की राशि का भुगतान करना होगा। यह समझौता पहले ही नगर निगम और वॉच को चलाने वाली कंपनी के बीच हुआ था। ऐसे में इस प्रोजेक्ट को खारिज करने पर नगर निगम को भारी नुकसान होगा।
इस समय भाजपा के पार्षद सफाई कर्मचारियों को खुश करने के लिए स्मार्ट वॉच का प्रोजेक्ट खारिज करना चाहते हैं। इसलिए ही कमेटी का गठन किया था कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। रिपोर्ट सदन की बैठक में चर्चा के लिए लाई जा रही है जबकि अधिकारी इसके खिलाफ है वह नहीं चाहते कि स्मार्ट घड़ियां कर्मचारियों से वापस ली जाए। प्रति घड़ी की कीमत आठ हजार रुपये है। इस समय नगर निगम इन घड़ियों का हर माह 18 लाख रुपये किराए के रूप में भुगतान कर रहा है। इस समय सफाई कर्मचारियों ने घड़ी पहनने से मना कर दिया है। सफाई कर्मचारी यूनियन ने धमकी दी हुई है कि अगर घड़ियां वापस न ली तो वह फिर से हड़ताल करेंगे।
सदन की बैठक में लिया जाएगा अंतिम निर्णय
पार्षद चाहते हैं कि जो नगर निगम के कर्मचारियों को कारगुजारी बेहतर करने के लिए स्मार्ट घड़ियां दी है उसे उतार दी जाए। सदन की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। पिछले साल स्मार्ट घड़ियों पर सवाल उठने के बाद जिस कमेटी का गठन किया था उस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस कमेटी की रिपोर्ट इस सदन की बैठक में सौंपी जाएगी।