सूरत नहीं सीरत की बात है
समाज में रंग की अपनी अहमयित है। मगर ये अहमयित इंसान से आंकी जाती है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भारतीय समाज में रंग की अपनी अहमयित है। मगर ये अहमयित इंसान से आंकी जाती है। जो अकसर उसके विश्वास को तोड़ देती है। रंग साफ हो तो इंसान को अच्छी नजर से देखा जाता है। मगर रंग सांवला हो तो ये उसकी पहचान बना दी जाती है। हमारी लड़ाई इसके खिलाफ है। कलाकार पॉलामी दास, हर्ष नागर और कविता घई कुछ इसी अंदाज में बातचीत करते हैं। सोमवार को तीनों होटल जेडब्ल्यू मैरिएट-35 में पहुंचे। पॉलामी ने कहा कि उन्होंने कभी अपने रंग के बारे में बुरा नहीं सोचा। ऐसा इसलिए क्योंकि मेरे घरवालों ने हमेशा मुझे पॉजिटिव बनाए रखा। मुझे कभी सोसायटी में ऐसा महसूस नहीं करवाया कि मैं किसी से कम हूं। मैं अपने सीरियल कार्तिक पूर्णिमा में यही संदेश देने की कोशिश कर रही हूं। शो के बाद आई इंडस्ट्री में
इंडियाज नेक्स्ट टॉप मॉडल की फाइनलिस्ट रही दास ने बताया कि इस शो के बाद उन्हें ग्लैमर इंडस्ट्री की तरफ आने की दिशा मिली। बोली कि इंडस्ट्री ने कभी उन्हें रंग से नहीं जज किया। हालांकि उन्हें रोल जरूर इसलिए ही ऑफर हुए। बोली कि मैंने इस दौरान अपनी एक्टिंग स्किल्स को भी निखारा। जिसकी वजह से मुझे सीरियल मिलते गए। चंडीगढ़ यूं तो काफी आती रही हूं, मगर हमेशा शिमला में जाने के लिए। लॉ कहीं न कहीं बीच में आ ही जाती है
हर्ष ने कहा कि मुझे एक्टिंग का शौक तो बचपन से था। मगर पढ़ाई भी जरूरी थी। मेरे पिता वकील हैं। ऐसे में पढ़ाई के अलावा मैं अपने शौक को भी जीता रहा। दिल्ली में अकसर कई फेस्टिवल के दौरान मैं परफॉर्म करता रहा। जिसको देखते हुए मुझे घरवालों ने भी सपोर्ट किया। इसके बाद 18 वर्ष की उम्र में मुझे मुंबई जाने का मौका मिला। जिस दौरान एडवर्टाइजमेंट करने का मौका मिला। इसके बाद कई सीरियल और फिल्म मिलने लगी। मैंने इस दौरान, एक्टिंग भी सीखी। मुझे लगता है कि अपने स्किल्स इस दौरान ब्रश अप करते रहना चाहिए। हाल ही में एक फिल्म के बाद अब सीरियल में आ रहा हूं। उम्मीद है लोग इसमें भी पसंद करेंगे। कविता ने कहा कि मुझे लुक्स की वजह से रेखा कहा जाता है। मगर अकसर नेगेटिव रोल ही दिए जाते हैं। मुझे पसंद है कि लोग जब इतने बड़े सेलिब्रिटी से कंपेयर करते हैं। हालांकि सीरियल की बात करूं तो मुझे हर तरह के किरदार पसंद हैं। अब बेटी भी इसी इंडस्ट्री में है तो ये मुझे और भी सुखद लगता है।