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चंडीगढ़ का यह दंपती कोरोना से हुआ ठीक, बोले- घबराने की जरूरत नहीं, खुद को व्यस्त रखकर दें कोरोना को मात

कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। बस आपको सावधानी रखनी है। अपने आप को व्यस्त रखना है। यह कहना है चंडीगढ़ के स्कूल की इंग्लिश टीचर सुमीत बत्रा जिन्होंने कोरोना को मात दी है। उनके पति भी संक्रमण की चपेट में आ गए थे। अब दोनों ठीक हैं।

By Edited By: Published: Wed, 05 May 2021 08:23 AM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 12:10 PM (IST)
चंडीगढ़ का यह दंपती कोरोना से हुआ ठीक, बोले- घबराने की जरूरत नहीं, खुद को व्यस्त रखकर दें कोरोना को मात
कोरोना को मात देकर ठीक हुए सुमीता बत्रा और नकुल।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। बस आपको सावधानी रखनी है। अपने आप को व्यस्त रखना है। संक्रमण चार से पांच दिन तक ज्यादा तंग करता है। उसके बाद शारीरिक कमजोरी होती है। यह कहना है चंडीगढ़ के स्कूल की इंग्लिश टीचर सुमीत बत्रा का।

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सुमीत बत्रा और उनके पति नकुल कोरोना को हराकर वापस काम पर लौट चुके हैं। सुमीता ने बताया कि आइसोलेशन का समय थोड़ा ज्यादा परेशान करता है  क्योंकि उस समय हम अपने काम से और अपनों से दूर हो चुके होते हैं। यह दूरी भी अलग तरह की होती है कि आपको सब दिख रहा होता है, लेकिन आप चाहकर भी बाहर सभी के पास नहीं आ सकते।

हर स्थिति के लिए खुद को रखो तैयार

अध्यापिका सुमीता ने कहा कि इंसान को हमेशा हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। जब मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मैं पहले से ही इसके लिए तैयार थी, क्योंकि मुझे एक दिन पहले बुखार हुआ था। मैं जानती थी कि यह संक्रमण सभी को हो रहा है यदि मुझे होता है तो कोई बड़ी बात नहीं है। मेरी रिपोर्ट जैसे ही पॉजिटिव आई तो मैं अपने पांच साल के बच्चे और पति से दूर हो गई। पति का मेरे साथ सहयोग रहा जिसके चलते मैं 15 दिन में पूरी तरह से ठीक हो गई। मेरे ठीक होने के बाद मेरा पति नकुल भी पॉजिटिव आया लेकिन पति ने मेरी स्थिति को देख रखा था। उन्होंने भी हिम्मत रखी और एक महीने में हम दोनों पूरी तरह से ठीक हो गए।

अकेलापन करता है परेशान, खुद को रखो व्यस्त 

सुमीता ने बताया कि संक्रमण होने के कारण शरीर दर्द होता है। वह दर्द आप सह सकते हैं लेकिन अकेलापन आपको परेशान करता है। उस अकेलेपन में आप खुद के बारे में सोचने के बजाए वह काम कर सकते हैं जो आपको पसंद है। मतलब यह कि आप अपने आप को व्यस्त रखें। मुझे कॉलेज टाइम में कुछ फिल्मों और नाटक को देखने को शौक था लेकिन पढ़ाई के चलते वह नहीं देख पाई। जब मैं आइसोलेशन में गई तो सबसे पहले दवाई खाकर आराम किया और उसके बाद मैंने यूट्यूब पर वह सभी फिल्में और नाटक देखें जिन्हें मैं देखना चाहती थी।


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