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सिंचाई घोटाले पर हरकत में आई सरकार, अकाली सरकार के दो पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भी होगी जांच

सिंचाई घोटाले में कैप्टन ने अकाली शासन काल के दो पूर्व सिंचाई मंत्रियों जनमेजा सिंह सेखों और शरणजीत सिंह ढिल्लों के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 05:24 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 05:24 PM (IST)
सिंचाई घोटाले पर हरकत में आई सरकार, अकाली सरकार के दो पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भी होगी जांच
सिंचाई घोटाले पर हरकत में आई सरकार, अकाली सरकार के दो पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भी होगी जांच

जेएनएन, चंडीगढ़। तीन साल से चल रहे एक हजार करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में अब जरा सी हरकत दिखाई पड़ी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घोटाले में कथित तौर पर नाम आ रहे अकाली शासन काल के दो पूर्व सिंचाई मंत्रियों जनमेजा सिंह सेखों और शरणजीत सिंह ढिल्लों के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं।

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साथ ही इस घोटाले में उन तीन आइएएस अफसरों के खिलाफ जांच के लिए विजिलेंस मंजूरी लेने को कहा है जो उस समय विभाग के सचिव और प्रमुख सचिव रहे हैं। इनमें तब के मुख्य सचिव रहे सर्वेश कौशल, स्पेशल चीफ सेक्रेटरी केबीएस सिद्धू और पंद्रह दिन पहले ही रिटायर हुए काहन सिंह पन्नू शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने यह मंजूरी जून महीने में विजिलेंस की ओर से दी गई छह पेेजों की रिपोर्ट मिलने के बाद दी है। अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति के लिए चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन सीएम को फाइल भेजेंगी।

2017 के चुनाव में जनमेजा सिंह सेखों तो चुनाव हार गए थे लेकिन शरणजीत ढिल्लों जीत गए और इस समय में वह विधानसभा में अकाली दल के नेता हैं। दोनों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच की अनुमति के लिए संसदीय कार्य विभाग को भी लिख गया है।

बता दें, अकाली दल के शासन काल में सिंचाई घोटाले को लेकर अक्सर खबरें लगती रही थीं। इन घोटालों के मुख्य आरोपित ठेकेदार गुरिंदर सिंह को विजिलेंस ने दिसबर 2017 में ही उस समय गिरफ्तार कर लिया था जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में सभी अफसरों ने चुपी साध रखी है। हालांकि पूर्व मंत्री जनमेजा सिंह सेखों ने उनकी किसी भी मामले में शमूलियत का खंडन किया है।

उन्होंने कहा कि लोगों का ध्यान आम लोगों के मुद्दों से हटाने के लिए ऐसा किया जा रहा है जबकि न तो उनका नाम किसी भी टेंडर को अलॉट करने में है और न ही उन्होंने किसी ठेकेदार की मदद की है। उन्होंने कहा कि विजिलेंस ने ठेकेदार से जबरन बयान लेकर यह कार्रवाई शुरू की है। रिटायर्ड हाई आइएएस अफसर काहन सिंह पन्नू ने कहा कि उनका नाम अनावश्यक रूप से इसमें घसीटा जा रहा है जबकि मैंने गुरिंदर सिंह की करप्शन को रोका था। उन्होंने विजिलेंस द्वारा उनके नाम की भी मंजूरी लेने पर हैरानी जताई।


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