इंश्योर्ड कार का नहीं दिया था क्लेम, अब क्लेम के साथ देने होंगे 14 हजार रुपये
कार दुर्घटना के मामले में पूरा क्लेम नहीं देने पर चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को 70,000 रुपये और हर्जाना देने का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: कंज्यूमर फोरम ने पॉलिसीधारक को उसकी कार का पूरा क्लेम नहीं देने पर यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को पूरा क्लेम देने के साथ 7 हजार रुपये हर्जाना और 7 हजार रुपये मुकदमा खर्च देने के आदेश दिए हैं। कंज्यूमर फोरम ने यह फैसला सेक्टर-28 के राज किशोर की शिकायत पर सुनाया है।
राज किशोर के वकील राजिंदर प्रसाद ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले रेनो कंपनी की क्विड कार खरीदी थी। उस कार की यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से इंश्योरेंस करवाई थी। 3 अक्टूबर, 2017 को जब राज किशोर उना से चंडीगढ़ आ रहे थे तो रास्ते में उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। इस कारण उनकी गाड़ी अगली साइड से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। राज किशोर ने इंश्योरेंस कंपनी को इसकी सूचना दी और कार रिपेयर के लिए भेज दी। कार कंपनी ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनी के सर्वेयर के आने के बाद ही उनकी गाड़ी की रिपेयर शुरू की जाएगी। आखिर में उनकी गाड़ी इंस्पेक्शन के बाद 94188 रुपये में रिपेयर कर दी। उनकी गाड़ी इंश्योर्ड थी, ऐसे में रिपेयर का खर्चा इंश्योरेंस कंपनी को देना था लेकिन, इंश्योरेंस कंपनी ने कहा कि वे केवल 23616 रुपये ही दे सकते हैं और बाकी का खर्चा कस्टमर को खुद भरना पड़ेगा। ऐसे में राज किशोर ने कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में शिकायत दी।
इंश्योरेंस कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इंस्पेक्शन सर्वेयर ने रिपोर्ट में बताया था कि हादसे के बाद कार को जालंधर की बेंचमार्क मोटर्स में रिपेयर के लिए ले जाया गया जो काफी दूर है। ऐसे में क्षतिग्रस्त कार को इतनी दूर तक ले जाने की वजह से गाड़ी के इंजन और ऑयल पंप को काफी नुकसान हुआ। नुकसान के लिए इंश्योरेंस कंपनी जिम्मेदार नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फोरम ने इंश्योरेंस कंपनी को बिल के बकाया 70572 रुपये देने के साथ ही 7 हजार रुपये मुकदमा खर्च और सात हजार रुपये जुर्माने के तौर पर देने के आदेश दिए।