Move to Jagran APP

भारत ब्लड कैंसर के मरीजों वाला दुनिया का तीसरा बड़ा देश, चंडीगढ़ में बोले डाक्टर- बीएमटी ही सही उपचार

अमेरिका व चीन के बाद भारत तीसरा बड़ा देश है जहां ब्लड कैंसर मरीजों की संख्या ज्यादा है। इसके इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट सही उपचार है लेकिन यह सुविधा देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 11:10 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 11:10 AM (IST)
भारत ब्लड कैंसर के मरीजों वाला दुनिया का तीसरा बड़ा देश, चंडीगढ़ में बोले डाक्टर- बीएमटी ही सही उपचार
ब्लड कैंसर के लिए बीएमटी ही सही उपचार। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। उत्तर भारत में ब्लड कैंसर तथा बोन-मैरो ट्रांसप्लांंट (Bone Marrow Transplant) द्वारा इलाज के लिए जागरूकता पैदा करने केे उद्देश्य से पंचकूला स्थित एक निजी अस्पताल के डाक्टरों की टीम ने पत्रकारों के साथ बातचीत की। डा. (बिग्रेडियर) अजय शर्मा ने कहा कि यह बिना आपरेशन किया जाने वाला इलाज है, जिसमें नकारा स्टैम सैलों को तंदरूस्त स्टैम सैलों के साथ तबदील कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस इलाज की सुविधा देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही है। उन्होंने बताया कि अमेरिका तथा चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा बड़ा देश है, जहां हर वर्ष ब्लड कैंसर के 1.17 लाख नए केस सामने आते हैं।

loksabha election banner

यह भी पढ़ें : दुबई में फंसी पंजाब की आठ लड़कियों को लाया गया भारत, अपनों के गले लगते ही फफक पड़ीं बेटियां

डा. अजय शर्मा ने बताया कि कुछ खास किस्म के कैंसर तथा अन्य बीमारियों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के साथ इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि अमेरिका जैसे देश के बड़े शहरों में भी 2-3 स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां यह सुविधा है। इसकी तुलना में भारत जहां 5 गुणा से भी अधिक आबादी है, इसके बावजूद यहां चुनिंदा अस्पतालों में ही बोन-मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा है। 125 करोड़ की आबादी के लिए बीएसटी माहिरों की गिनती और भी कम है।पारस अस्पताल पंचकूला में बीएसटी. इलाज शुरू किया गया है।

यह भी पढ़ें : तलाक मामले पर हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश, पति-पत्नी सहमत तो फैमिली कोर्ट नहीं करा सकती इंतजार

डा. (बिग्रेडियर) राजेश्वर सिंह तथा डा. दीपक सिंगला ने भी पत्रकारों से बातचीत की। डा. राजेश्वर सिंह ने कहा कि बोन-मैरो ट्रांसप्लांट एकमात्र इलाज है जो ब्लड कैंसर के मरीजों को लंबे समय के लिए जिंदा रख सकता है। उन्होंने बताया कि बीएसटी थैलेसीमिया के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है, क्योंकि भारत में 65000-67000 थैलेसीमिया के मरीज हैं तथा हर वर्ष 9000-10000 नए केस सामने आते हैं।

यह भी पढ़ें : गणतंत्र दिवस पर पंजाब की झांकी में दिखेगा श्री गुरु तेग बहादुर जी का शौर्य और पराक्रम

यह भी पढ़ें : किसान आंदोलन के कारण पंजाब में कई ट्रेनें रद, कुछ के रूट डायवर्ट, देखें पूरी लिस्ट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.