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कड़वाहट के बीच सद्भाव की मिठास, लाहौर बस सेवा के बीस साल बाद फिर नजदीक आएंगे भारत-पाक

बीस साल बाद एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के संबंध कड़वाहट पूर्ण हो चुके हैं लेकिन करतारपुर कॉरिडोर से एक बार फिर दोनों नजदीक आएंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 01:46 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 01:46 PM (IST)
कड़वाहट के बीच सद्भाव की मिठास, लाहौर बस सेवा के बीस साल बाद फिर नजदीक आएंगे भारत-पाक
कड़वाहट के बीच सद्भाव की मिठास, लाहौर बस सेवा के बीस साल बाद फिर नजदीक आएंगे भारत-पाक

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। ‘हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।’ दुष्यंत कुमार की यह मशहूर पंक्तियां आज से 20 साल पहले फरवरी 1999 में दिल्ली-लाहौर बस सेवा सदा-ए-सरहद शुरू करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पढ़ी थीं और कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच नए संबंधों की शुरुआत होने जा रही है। दरअसल, उस समय भी दोनों देशों के रिश्तों में परमाणु बम के कारण काफी कड़वाहट आ चुकी थी। सदा-ए-सरहद एक उम्मीद की किरण के रूप में उभरी थी।

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बीस साल बाद एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के संबंध कड़वाहट पूर्ण हो चुके हैं। दोनों देशों ने एक-दूसरे के लिए अपने-अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं। मोहब्बत का पैगाम लेकर हवा का कोई झोंका नहीं आ रहा है। ऐसे में करतारपुर कॉरिडोर को अंधेरे में रोशनदान खुलने की तरह देखा जा सकता है। दोनों देशों के बीच अनुच्छेद-370 को लेकर फिर से पैदा हुई कड़वाहट के कारण बातचीत नहीं हो रही है, लेकिन श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को लेकर श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करवाने के लिए बनने वाले कॉरिडोर के चलते दोनों देशों में बीच-बीच में बातचीत जारी है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि एक तरफ जहां पाकिस्तान भारत में आतंक फैलाने के लिए ड्रोन भेज रहा है, दूसरी ओर करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) बनाने में तेजी भी दिखा रहा है।

आसान नहीं रही राह

Kartarpur Corridor के खुलने की राह आसान नहीं रही। 18 अगस्त 2018 को जब पंजाब के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बने इमरान खान के शपथ समारोह में गए तो पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद ने सिद्धू से कहा कि सरकार करतारपुर कॉरिडोर को खोलने पर विचार कर रही है। इस पर नवजोत सिंह सिद्धू ने उन्हें गले लगा लिया, जिसके चलते विवाद खड़ा हो गया। यहां तक कि उनकी अपनी पार्टी के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी उनके खिलाफ ही बयान दिया।

Kartarpur Corridor को खोलने का स्वागत भारत ने भी किया और डेरा बाबा नानक में आइसीपी बनाने का शिलान्यास उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने किया। यहां काम भी युद्धस्तर पर चल रहा है। पंजाब सरकार ने भी डेरा बाबा नानक डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाकर इस क्षेत्र के विकास की शुरुआत की है। निश्चित तौर पर जब यह कॉरिडोर खुल जाएगा तो देश-विदेश से रोजाना यहां 15 हजार के लगभग लोग आएंगे, जिससे इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। ऐसा ही पाकिस्तान की ओर भी होगा। आर्थिक संकट में घिरा पाकिस्तान इसे बड़े धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करना चाहता है।

करोड़ों लोगों की अरदास के बाद खुलेगा कॉरिडोर

रोजाना की जाने वाली अरदास में करोड़ों लोग उन गुरुधामों के खुले दर्शन की अरदास करते हैं, जो उनसे बिछुड़ चुके हैं। करतारपुर कॉरिडोर का खुलना उस अरदास के पूरा होने जैसा है। इस कॉरिडोर के खुलने से दोनों देशों के बीच आई कड़वाहट दूर होकर सद्भाव का माहौल बने, दोनों ओर के आम लोग यही चाहते हैं।

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