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पंजाब में गेहूं से भरी मंडियां, मंडी बोर्ड ने कूपन की संख्या घटाई, लिफ्टिंग व बारदाने सेे बढ़ी समस्या

पंजाब में मंडियांं गेहूं से भर चुकी हैं। पिछले साल अब तक मात्र 6.43 मीट्रिक टन गेहूं आया था जबकि इस साल अब तक 23.56 मीट्रिक टन गेहूं पहुंच चुका है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 07:40 AM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 07:40 AM (IST)
पंजाब में गेहूं से भरी मंडियां, मंडी बोर्ड ने कूपन की संख्या घटाई, लिफ्टिंग व बारदाने सेे बढ़ी समस्या
पंजाब में गेहूं से भरी मंडियां, मंडी बोर्ड ने कूपन की संख्या घटाई, लिफ्टिंग व बारदाने सेे बढ़ी समस्या

फतेहगढ़ साहिब [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब की मंडियों में 22 अप्रैल तक 23.56 लाख मीट्रिक टन गेहूं आ चुका है, जबकि पिछले साल इस दिन तक मात्र 6.43 लाख मीट्रिक टन आया था। पंजाब सरकार द्वारा गेहूं लाने के लिए किसानों को दिए जाने वाले कूपन की संख्या बढ़ाने के कारण मंडियों में अब गेहूं की बाढ़ आती जा रही है। लिहाजा, मंडी बोर्ड को कूपनों की संख्या 94 हजार से कम करके वीरवार को 60 हजार करनी पड़ी है।

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दूसरी तरफ मंडियों में पेमेंट की दिक्कत बनी हुई है। सरकार ने अभी तक कुल खरीद का 2300 करोड़ रुपये रिलीज करने का दावा किया है, लेकिन ज्यादातर आढ़तियों के पास पेमेंट नहीं पहुंची है। आढ़ती हरीश इसकी पुष्टि करते हैं। माणकपुर में आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान विनोद कुमार ने बताया कि कूपन मिलने में कोई दिक्कत नहीं आ रही है। शारीरिक दूरी रखने के जो मापदंड तय किए गए हैं उसके अनुसार जितने कूपन दिए जा रहे हैं उतना ही गेहूं मंगवाया जा रहा है। चूंकि लेबर की इस समय कमी है और ढुलाई के काम में माहिर लेबर अपने राज्यों में चली गई है, इसलिए यह काम थोड़ा प्रभावित हुआ है।

आढ़त का काम ही देख रहे बनूड़ के विनोद कुमार ने बताया कि मंडियों में तो लेबर ठीक है, लेकिन गोदामों में जहां स्टोर होना है वहां पर दिक्कतें हैं। गाड़ियां उतनी तेजी से वापस नहीं आ रही हैं जितनी तेजी से जाती हैं। इसलिए लिफ्टिंग देर रात तक चलती रहती है। ढेलपुर गांव के मनजिंदर सिंह डेढ़ एकड़ गेहूं कटवाकर सुबह ही पहुंच गए थे। उन्हें बता दिया गया था कि वह साफ करवा लें, शाम को होने वाली बोली में उनकी फसल खरीद ली जाएगी। उनके जैसे कई किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि और बेमौसमी बरसात के कारण उनकी गेहूं बहुत खराब हुआ है। इस बार फतेहगढ़ साहिब, मोहाली, भादसों आदि इलाके में तीन से चार क्विंटल प्रति एकड़ का नुकसान हुआ है। दूसरी ओर संगरूर जिले के अहमदगढ़, मुक्तसर आदि जिलों में पैदावार बढ़ी है।

कुछ मंडियों में लिफ्टिंग की दिक्कत : खन्ना

एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डेवलपमेंट विश्वजीत खन्ना ने माना कि कुछ मंडियों में बारदाना और लिफ्टिंग की दिक्कत है। इसलिए 25 अप्रैल के लिए दिए जाने वाले कूपन की संख्या में कमी की गई है। 23 अप्रैल के लिए 90 हजार तो 24 अप्रैल के लिए 94 हजार पास जारी किए गए थे।

लॉकडाउन के कारण बारदाने की दिक्कत : मित्रा

फूड एंड सप्लाई विभाग की डायरेक्टर अनंदिता मित्रा का कहना है कि उनके पास 80 फीसद गेहूं की खरीद के लिए पर्याप्त बारदाना मौजूद है। शेष के लिए भी पेमेंट चली गई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण जूट फैक्टि्रयां बंद हो जाने से यह माल अटक गया। हमने इसकी भरपाई गुजरात की कंपनियों से की है जो प्लास्टिक की बोरियां बनाते हैं। अभी 3.27 लाख गांठों में से 72.30 हजार गांठें ही लगी हैं। 2.55 लाख गांठें हमारे पास हैं।

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