11 मंजिला इमारत बनी तो थ्री बेडरूम फ्लैट 1.60 करोड़ में मिलेगा
अलग-अलग फॉर्मूले के हिसाब से फ्लैट के रेट तय करने के आदेश दिए थे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेल्फ फाइनेंसिग हाउसिग स्कीम के तहत चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड को गृह सचिव ने अलग-अलग फॉर्मूले के हिसाब से फ्लैट के रेट तय करने के आदेश दिए थे। बताया जा रहा है कि सीएचबी ने 11 मंजिला बिल्डिंग बनती है, तो इसमें फ्लैट के रेट कितने होंगे, इसके संभावित रेट निकाल लिए हैं। इसमें कैटेगरी ए के एक फ्लैट की कीमत, जो 1.76 करोड़ रुपये थी, वह अब लगभग 1.60 करोड़ रहेगी। कैटेगरी बी में फ्लैट की कीमत जो 1.35 करोड़ बताई गई थी, अब वह कम होकर लगभग 1.24, कैटेगरी सी 99 लाख रुपये की जगह अब करीब 75 लाख रुपये कीमत रहेगी। वहीं, कैटेगरी डी के एक फ्लैट की कीमत 58 लाख की जगह अब कम होकर 40 लाख तक रहेगी। इसके अलावा बाकी फॉर्मूले के हिसाब से रेट तय नहीं हो सके हैं। सीएचबी के ढीले रवैये से इंप्लाइज खासे निराश हैं। यूटी इंप्लाइज हाउसिग वेलफेयर सोसायटी के महासचिव डॉ. धर्मेद्र ने बताया कि रेट ग्यारह मंजिला बिल्डिंग, पांच मंजिला बिल्डिंग बनाकर फ्लैट देना और केवल स्ट्रक्चर बनाकर देने के तहत फ्लैट रेट सीएचबी को तय करने हैं। डॉ. धर्मेंद्र ने कहा कि जल्द से जल्द यह रेट तय करने की बात मीटिग में कही गई थी। बावजूद इसके 20 दिन बाद भी रेट पर कोई चर्चा नहीं हुई। उन्हें भी रेट तय करने की मीटिग में बुलाया जाना है, लेकिन अभी तक बुलाया नहीं गया। हाई कोर्ट ने इस केस की सुनवाई दिसंबर में रखी है, इसलिए अधिकारी भी इसे टाल रहे हैं। आर्किटेक्ट हैं तो बाहर से रखने पर सवाल
डॉ. धर्मेद्र ने कहा कि बोर्ड और यूटी प्रशासन के पास अपने आर्किटेक्ट हैं, तो फिर लाखों रुपये खर्च करके बाहर से आर्किटेक्ट क्यों हायर किए जाते हैं। कई बार लेआउट प्लान बन चुके हैं, लेकिन हर बार नक्शे बेकार हो जाते हैं। जब इन्हें बाहर से ही हायर करना है, तो फिर जो आर्किटेक्ट पहले से ही रेगुलर रखे हैं, उनकी जरूरत क्या है। अभी तक कंसलटेंट रखने पर कितने पैसे खर्च हुए, इसकी जानकारी जुटाकर वे हाई कोर्ट के समक्ष भी रखेंगे।