अभी तो मैं जवान हूं
साथ चलकर देखो अभी तो मैं जवान हूं। ग्रे इज न्यू ब्लैक।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : साथ चलकर देखो, अभी तो मैं जवान हूं। ग्रे इज न्यू ब्लैक। संदेश साफ है कि हमारे साथ भी बात करके देखो। ग्रे शेड्स नामक संस्था, जो इस संदेश के साथ युवाओं को वृद्ध लोगों के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। जिससे की उम्रदराज लोगों को अकेलापन महसूस न हो। इसके लिए अवेयरनेस रैली और नुक्कड़ नाटक का आयोजन सुखना लेक में हुआ। इसमें वरिष्ठ नागरिकों ने नाटक के जरिये लोगों को अपने बुजुर्गो की इज्जत और उनके साथ बातचीत करने के लिए प्रेरित किया। दो पीढि़यों के फर्क को कम करना चाहते हैं
संस्था के फाउंडर व्योना डिसूजा और इंद्रप्रीत सिंह ने कहा कि संस्था का मकसद दो पीढि़यों के फर्क को कम करना है। हम अकसर अपने आस पास देखते हैं कि कैसे वृद्ध लोगों के साथ भेदभाव होता है। उन्हें एक तरफ रखा जाता है, उनके साथ न तो कोई युवा बातचीत करने वाला होता है, न ही वक्त गुजारने वाला। ऐसे में वह सामाजिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। वो अपनी भावनाएं किसी से व्यक्त नहीं कर पाते। ये एक पहल है, जहां वृद्ध खुद अपनी बात युवाओं के सामने रख रहे हैं। ये बेहद गंभीर मुद्दा है जिस पर हमें आज से ही सोचना होगा। हमारे देश में ऐसी प्रथा है जहां हम अपने माता पिता और बुजुर्गो की बहुत इज्जत करते हैं। पुरानी पीढ़ी दरकिनार क्यों
मगर तकनीक के आने से, हमने अपनी पुरानी पीढ़ी को बहुत दरकिनार किया है। ऐसे में हमारी कोशिश इन बुजुर्गो को मानसिक सहारा देने की है, ये लोग भी हमारे समाज के लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं, अगर इनके साथ बातचीत की जाए साथ ही इनके अनुभव का भी सहारा कई युवा ले सकते हैं। इस कैंपेन के तहत हम सेक्टर -17 में इसका समापन करेंगे, जो आठ दिसंबर को आयोजित होगा। इसके अलावा हम बुजुर्गों के लिए एक फैलोशिप प्रोग्राम भी लॉन्च कर चुके हैं जिसके तहत वरिष्ठ लोग 100 दिनों के करिकुलम बेस्ट एक्सपेरिमेंटल लर्निंग प्रोग्राम के साथ जुड़ सकते हैं। जिसके लिए वह ओनलाइन ग्रेशेड्स की वेबसाइट में जा सकते हैं।