जिंदगी भर की कमाई से बनाया आशियाना, अब प्रशासन कर रहा है बेघर Chandigarh News
मोहाली जिला आयुक्त ने हाईकोर्ट के आदेश पर उन सभी एयरपोर्ट एरिया में बने 98 मकानों को तोड़ने के निर्देश दे दिए हैं जिन्होंने बिना प्रशासन की अनुमति के घरों का निर्माण किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। शहर में अपना घर बने इस सपने को पूरा करने के लिए जिन लोगों ने अपनी जिंदगी की सारी पूंजी लगा दी थी, अब जीरकपुर की खुशहाल एनक्लेव, जरनैल एनक्लेव, सिटी एनक्लेव और गुरदेव एनक्लेव के उन लोगों की भूख प्यास सब मर गई है। दरअसल मोहाली जिला आयुक्त ने हाईकोर्ट के आदेश पर उन सभी एयरपोर्ट एरिया में बने 98 मकानों को तोड़ने के निर्देश दे दिए हैं, जिन्होंने बिना प्रशासन की अनुमति के घरों का निर्माण किया है। प्रशासन इस निर्माण को अवैध बता रहा है और इसी बाबत इन लोगों को किसी तरह का मुआवजा देने से इंकार कर रहा है।
सेक्टर-27 प्रेस क्लब में शुक्रवार को उन सभी पीड़ित परिवारों ने प्रेस कांफ्रेंस की, जिन्हें मोहाली प्रशासन ने मकान तोड़ने के नोटिस थमाए हैं। इन परिवारों आरोप है कि जब वह जमीनों की रजिस्ट्रियां करवाई, मकानों के नक्शे पास करवाए, सीवरेज कनेक्शन लिए और बिजली के मीटर लगवाए, तब प्रशासन ने उन्हें आगाह क्यों नहीं किया, अब उन्हें बिना मुआवजा दिए मकान को तोड़ने के नोटिस थमाए जा रहे हैं, जोकि सरासर गलत है। इन लोगों के समर्थन में पंजाब अंगेस्ट करप्शन एवं पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन भी लामबंद हो गई है।
ईंट-ईंट जोड़कर बना रहा हूं घर
जीरकपुर के जरनैल एनक्लेव में रहने वाले दृष्टिहीन सुनील ने बताया कि साल 2007 में प्लॉट लिया था। साल 2008 में नक्शा पास करवाया। तब से ईंट-ईंट जोड़कर घर को बना रहे हैं, अभी भी घर में कई तरह के काम करवाने बाकी हैं, लेकिन अब प्रशासन हमारे आशियाने को तोड़ने के लिए नोटिस भेज रहा है। प्रशासन का कहना है कि हमारा घर एयरपोर्ट एरिया से 92 मीटर की दूरी पर है। यह सरासर हमारे साथ अन्याय है। सुनील ने बताया कि सरकारी बाबुओं, बिल्डर्स और नेताओं ने पहले मिलकर कॉलोनियां काटी, अब उन्हें अवैध कब्जाधारी दिखाकर उन्हें डराया जा रहा है।
अफसर कर रहे धक्केशाही
गुरदेव नगर में रहने वाले कंचन सिंह ने बताया कि मैंने और मेरे पड़ोसी ने एक प्लॉट के दो अलग-अलग हिस्सों को खरीदा था। मैंने साल 2015 में मकान बनाया, तो मेरे पड़ोसी ने साल 2016 में मकान बनाया। अब प्रशासन मेरे मकान को तोड़ने की बात कर रहा है, जबकि मेरे बाद मेरे जिस पड़ोसी ने मकान बनाया था, उसे पुरानी रिहायश बताया जा रहा है। अफसर इस तरह की धक्केशाही कर रहे हैं। रसूखदार लोगों को छोड़कर गरीब लोगों को धमकाया जा रहा है।
यह है पूरा मामला
मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन की तरफ से एयरपोर्ट विकास के लिए डाली गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से उन सभी लोगों का ब्योरा मांगा था, जिन्होंने एयरपोर्ट और एयरफोर्स की बाउंड्री के 100 मीटर दायरे में घरों का निर्माण करवाया है। ऐसे में प्रशासन 98 मकानों को निर्माण को अवैध करार दिया। जिनको जल्द से तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। इस बाबत इन मकानों में रहने वाले लोगों कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। हालांकि प्लॉट उनके नाम ही रहेंगे। वहीं 317 ऐसे मकान हैं जो अवैध निर्माण की श्रेणी में नहीं आते हैं, लेकिन उन्हें भी तोड़ा जाएगा, इसके बदले में उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। पंजाब अंगेस्ट करप्शन के सतनाम सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है और वह सोमवार को हाई कोर्ट में अपील करेंगे। वह उन अधिकारियों, नेताओं और बिल्डर्स के बाबत भी कार्रवाई करने की मांग करेंगे, जिनकी देखरेख में यह घोटाला हुआ है।