होटल-रेस्टोरेंट, ढाबों व स्कूल को एनओसी के बदले देने होंगे एडमिनिस्ट्रेटिव चार्जेस
एमसी की वित्तिय हालत खराब है। इंप्लाइज की सेलरी के लिए भी पैसे नहीं बचे। इस वजह से विभिन्न तरह के टैक्स और चार्जेस लगाए जा रहे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। नगर निगम घाटे से उबरने के लिए नए तरीके खोजने में लगा है। अभी बूथ का किराया एकमुश्त हजारों गुणा बढ़ाने पर नगर निगम की जमकर फजीहत हुई। अब होटल, रेस्टोरेंट, ईटिंग शॉप और स्कूल इत्यादि को एनओसी जारी करने के बदले एडमिनिस्ट्रेटिव चार्जेस वसूल किए जाएंगे। इन सभी को नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट के बदले में यह चार्जेस चुकाने होंगे। इसका एजेंडा 31 अगस्त को होने वाली नगर निगम हाउस की मीटिंग में लाया जाएगा। एजेंडा पास होने के बाद यह चार्जेस लगने शुरू हो जाएंगे। कोरोना की वजह से मीटिंग वर्चुअल ही होगी। सभी काउंसलर और अधिकारी वर्चुअल तौर पर ही मीटिंग से जुड़ेंगे।
एमसी की वित्तिय हालत खराब है। इंप्लाइज की सेलरी के लिए भी पैसे नहीं बचे। इस वजह से विभिन्न तरह के टैक्स और चार्जेस लगाए जा रहे हैं। साथ ही सालों से तय फीस को रिवाइज्ड किया जा रहा है। चंडीगढ़ 500 से अधिक होटल रेस्टोरेंट हैं। इसी तरह से ढाबों और स्कूल की संख्या भी काफी है। ऐसे में सभी से एमसी चार्जेस वसूल करेगा।
वहीं नगर निगम की जमीन पर हेज और फेंसिंग करने की लाइसेंस फीस को भी बढ़ाया जाएगा। इसमें विभिन्न मार्केट में रेस्टोरेंट ढाबों के बाहर टेबल चेयर लगाने का स्पेस भी शामिल होगा। इसके बदले में मोटी लाइसेंस फीस एमसी चार्ज करेगा।
यह एजेंडे भी मीटिंग में आएंगे
पानी के डिफाल्टरों की वन टाइम सेटलमेंट का एजेंडा भी हाउस में आ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना अर्बन के तहत अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कांप्लेक्स का एजेंडा भी लाया जा रहा है। एमसी के बीएंडआर स्टोर में पड़े पुराने स्टील को डिस्पोज करने पर भी चर्चा होगी। जबकि दस ट्रैक्टर ट्रॉली खरीदने के लिए टैंडर होना है इस पर पहले हाउस से मंजूरी ली जाएगी। सेक्टर-14 में फूड स्ट्रीट क्योस्क की लाइसेंस फीस माफ करने का एजेंडा भी हाउस में आएगा। चंडीगढ़ में अलग-अलग जगह बने 55 टॉयलेट ब्लॉक पर पांच साल के लिए विज्ञापन की मंजूरी दी जाएगी। अनुमति से पहले हाउस में इस पर चर्चा होगी।
एमसी भी शामलात जमीन पर बनाएगा मकान
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की तरह नगर निगम भी प्रधानमंत्री आवास योजना अर्बन के तहत प्रवासियों के लिए अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कांप्लेक्स बनाकर देगा। इस कांप्लेक्स के मकान रेंट पर दिए जाएंगे। अभी तक सीएचबी ही मलोया में बने 2500 फ्लैट इस स्कीम के तहत देने की तैयारी कर रहा था। एमसी जो मकान बनाएगा वह शामलात जमीन पर बनाए जाएंगे। एमसी हाउस से एजेंडा पास होने के बाद अधिकारी इसका प्लान तैयार करेंगे। इसके लिए एमसी को केंद्र सरकार से ही फंड मिलेगा। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को मकान के किराये संबंधी काफी दिक्कतें आई थी। जिसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेंटल हाउसिंग कांप्लेक्स बनाने के निर्देश दिए थे। नगर निगम हाउस मीटिंग में यह एजेंडा आ रहा है। इसके अलावा जानवरों के संस्कार के लिए इंडस्ट्रियल एरिया में ही प्लांट लगेगा। पहले इसे डड्डूमाजरा में लगाया जाना था। लेकिन पार्षदों और लोगों के विरोध को देखते हुए इसे फिर से इंडस्ट्रियल एरिया में लगाने का एजेंडा लाया जा रहा है।