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पहाड़ों की रानी शिमला के लिए कालका से हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा शुरू, सुहाने सफर का पर्यटक ले सकेंगे मजा

हिमाचल की राजधानी और पहाड़ों की रानी शिमला घूमने के लिए रेलवे बोर्ड ने भी पर्यटकों की सुविधा के लिए हॉप-ऑन हॉप-ऑफ ट्रेन सेवा शुरू कर दी है। ऐसे में पर्यटक इस मजेदार सफर का लुत्फ उठाने के लिए किसी भी स्टेशन से टिकट खरीद सकते हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 09:40 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 09:40 AM (IST)
पहाड़ों की रानी शिमला के लिए कालका से हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा शुरू, सुहाने सफर का पर्यटक ले सकेंगे मजा
कालका-शिमला नैरोगेज ट्रैक 118 साल पुराना है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। कोरोना संक्रमण का खतरा कम होने पर अब अधिकतर पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। ऐसे में हिमाचल की राजधानी और पहाड़ों की रानी शिमला घूमने के लिए रेलवे बोर्ड ने भी पर्यटकों की सुविधा के लिए 118 साल पुराने कालका-शिमला नैरोगेज सेक्शन, जोकि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है, पर एक बार फिर से हॉप-ऑन हॉप-ऑफ ट्रेन सेवा शुरू करके शिमला में पर्यटन सीजन की शुरुआत कर दी है। यह सुविधा पर्यटकों को एक ही टिकट पर सभी पर्यटन स्थलों को देखने में सक्षम बनाएगी। यह टिकट कालका-शिमला सेक्शन के किसी भी स्टेशन से खरीदा जा सकता है।

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उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कालका-शिमला सेक्शन पर शुरू की गई हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा की प्रमुख विशेषताओं पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस सेवा के अंतर्गत पर्यटक एक ही टिकट पर कालका-शिमला सेक्शन के सभी पर्यटन स्थलों को देख सकते हैं। यात्री किसी भी रेलगाड़ी के किसी भी डिब्बे में सीटों की उपलब्धता को देखते हुए सवार हो सकते हैं। यात्री किसी भी स्टेशन से किसी भी रेलगाड़ी में चढ़ या उतर सकते हैं। हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा के टिकट कालका-शिमला नैरोगेज सेक्शन के सभी स्टेशनों से लिया जा सकता हैं। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि इस सेवा को चुनने वाले यात्री ट्रेन में अन्य भुगतान/मूल्यवर्धित सेवाओं का लाभ उठाने के हकदार नहीं होंगे। हॉप-ऑन हॉप-ऑफ टिकट अहस्तांतरणीय और अप्रतिदेय है और इस पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी।

पहचान पत्र का होना जरूरी

इस सुविधा का टिकट खरीदने के लिए यात्री को एक वैध पहचान-पत्र जैसे वोटर कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी प्रमाण-पत्र और किसी संस्थान द्वारा जारी छात्र प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। यात्री को यात्रा के दौरान उस प्रमाण-पत्र की मूल प्रति अपने साथ रखनी होगी और मांगे जाने पर दिखानी होगी। ऐसा न कर पाने वाले यात्रियों को बिना टिकट माना जाएगा और उनसे मौजूदा रेल नियमों के अनुसार प्रभार वसूला जाएगा।


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