चाइनीज पिचकारियां बाजार से गायब
कोरोना वायरस ने इस बार होली का रंग फीका कर दिया है लेकिन होली मनाने को लेकर युवाओं में जोश बरकरार है।
पूनम जाखड़, चंडीगढ़
कोरोना वायरस ने इस बार होली का रंग फीका कर दिया है, लेकिन होली मनाने को लेकर युवाओं में जोश बरकरार है। लोग इस बार हर्बल रंग-गुलाल से ही होली खेलना पसंद करेंगे। बाजार से इस बार चाइनीज पिचकारियां गायब हैं। पुराने स्टॉक के तौर पर जो दुकानदार ऐसी पिचकारियां बेच रहे हैं, उन्हें खरीदने से भी लोग कतरा रहे हैं। शहर के बाजार में होली से एक दिन पहले सोमवार को लोग पिचकारी, गुलाल, मुखौटे सहित अन्य सामान खरीदते दिखे। बाजार में मेड इन इंडिया की धूम
होली पर इस बार बाजार में भारत निर्मित वाटरकलर, गुब्बारे, स्नो स्प्रे, वाटर गन, पक्के रंग, विग की खरीदारी हुई। होली पर्व की पूर्वसंध्या पर सोमवार को दैनिक जागरण ने शहर के सेक्टर-15 और 22 की मार्केट में होली की खरीदारी का जायजा लिया। दुकानदारों ने बताया कि इस बार इस बार चाइनीज के बजाय देश में निर्मित पिचकारियों की डिमांड ज्यादा रही। बच्चों को भाई कार्टून कैरेक्टर्स वाली पिचकारियां
मार्केट में सबसे ज्यादा वाटर टैंक पिचकारी नजर आई। इसे पीठ पर लगाकर उपयोग किया जाता है। इनका मार्केट प्राइस 250 रुपये से लेकर 800 रुपये है। बच्चों की पसंद के अनुसार पिचकारियों को कार्टून की शेप भी दी गई है। बैट्समैन, डोरेमॉन, मोटू- पतलू, स्पाइडरमैन, पबजी, एलिफैंट गन आदि कॉटून्स की शेप दी गई है। इस बार केमिकल वाले रंग-गुलाल को ना
अक्सर लोगों को टेंशन हो जाती है कि रंगों से स्किन प्रॉब्लम या कोई एलर्जी न हो जाए। इसलिए बाजार में हर्बल गुलाल की खूब डिमांड रही। हर्बल गुलाल की कीमत 50 रुपये से लेकर 250 तक है। युवा पहनेंगे होली स्पेशल टी-शर्ट
युवाओं की पसंद के अनुसार मार्केट में होली स्पेशल टी- शर्ट भी थे। होली का संदेश देती टी-शर्ट की खूब डिमांड रही। ऐसी टीशर्ट 150 से 200 रुपये में बिके। चाइनीज पिचकारियां व होली खेलने के लिए प्रयोग होने वाले गुब्बारे व अन्य सामग्री इस बार मार्केट से गायब रहीं। कोरोना वायरस को लेकर इस बार चाइनीज प्रोडक्ट बाजार तक नहीं पहुंचे।
- अर्जुन सिंह, दुकानदार सेक्टर 15 चंडीगढ़।