भाई दूज आज, बहनें कर रही भाइयों की लंबी उम्र की कामना
भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व भाई दूज धूमधाम से मनाया जा रहा है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देव की उपासना करता है उसे असमय मृत्यु का भय नहीं रहता है।
जेएनएन, चंडीगढ़। भाई दूज पर्व भाइयों के प्रति बहनों की श्रद्धा और विश्वास का पर्व है। इस पर्व को हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन मनाया जाता है। पर्व के दिन बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और भगवान से भाइयों की लंबी आयु की कामना करती हैं।
आचार्य मदन मोहन शर्मा बताते हैं कि मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देव की उपासना करता है, उसे असमय मृत्यु का भय नहीं रहता है। माना जाता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में अगर भाई और बहन साथ में यमुना नदी में स्नान करें तो भाई और बहन का रिश्ता हमेशा बना रहता है और भाई की उम्र बढ़ती है। भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। टीका करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:19 से 3:36 तक है। वैसे द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर को 03:00 बजे तक है।
ऐसे करें पूजा
सबसे पहले बहनें चावल के आटे से चौक तैयार करें। इस चौक पर भाई को बैठाए फिर उनके हाथों की पूजा करें। इसके लिए भाई की हथेली पर चावल का घोल लगाएं। इसके बाद इसमें सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी, मुद्रा आदि हाथों पर रख कर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ते हुए मंत्र बोलें।
किसी-किसी जगह पर इस दिन बहनें अपने भाइयों की आरती भी उतारती हैं और फिर हथेली में कलावा बांधती हैं। भाई का मुंह मीठा करने के लिए भाइयों को मिश्री या मिठाइयां खिलानी चाहिए। शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर दीये का मुख दक्षिण दिशा की ओर करके रखें।
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