हाईकोर्ट में पुलिस बोली, स्मार्ट कैमरे पर यूटी के चीफ इंजिनियर को भी बनाओ पार्टी
चंडीगढ़ पुलिस ने कहा-15 हजार कैमरे लगाने थे, 14 हजार पब्लिक से लगवाए जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर
चंडीगढ़ पुलिस ने कहा-15 हजार कैमरे लगाने थे, 14 हजार पब्लिक से लगवाए जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर में चेन स्नैचिंग के मामले में वीरवार को पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में शहर के सीसीटीवी कैमरों पर सुनवाई हुई। उसमें यूटी पुलिस ने कहा कि इसमें यूटी चीफ इंजीनियर को भी पार्टी बनाया जाए। दरअसल, शहर में 660 स्मॉर्ट सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रोजेक्ट यूटी इंजीनियरिंग विभाग के पास है। पुलिस ने अपने जवाब में कहा कि शहर में 15 हजार सीसीटीवी कैमरों की जरूरत है। 14 हजार कैमरे पब्लिक पर्सनल ने लगवाए हैं। इससे पहले हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर पूछा था कि 2015 से लेकर अभी तक प्रतिवर्ष कितने सीसीटीवी कैमरे चंडीगढ़ में लगाए गए? उसी को लेकर यूटी पुलिस ने अपना जवाब दाखिल किया। इस मामले में अगली सुनवाई 18 मई को होनी तय हुई है।
चंडीगढ़ में बढ़ती चेन स्नैचिंग की वारदातें को देखते हुए हाईकोर्ट के वकील एचसी अरोड़ा ने जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कोर्ट में बताया था कि स्नैचिंग की वारदातें थमने का नाम ही नहीं ले रही। सड़कों पर हो रही इस तरह की वारदातों पर नकेल कसने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। इंजीनियर ही दे पाएंगे कैमरों के बारे में ज्यादा जानकारी
यूटी पुलिस ने कोर्ट में बताया कि चंडीगढ़ में 660 सीसीटीवी लगाने के प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के साथ जोड़ दिया गया है। उसका काम यूटी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट देख रहा है। यूटी पुलिस की तरफ से दायर एफिडडेविट में कहा गया है कि इस केस में यूटी के चीफ इंजीनियर को भी पार्टी बनाया जाए, ताकि शहर भर में लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सके। 13 मार्च को मांगी जानकारी आज तक नहीं दी
याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा ने बताया कि इसके साथ ही चेन स्नैचिंग की वारदातों को रोकने के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने कोर्ट में बताया कि 13 मार्च को केंद्र सरकार ने यूटी से कुछ जानकारिया मागी थी, जो उन्हे आज तक नहीं दी गई हैं। जिसकी वजह से चेन स्नैचिंग में मिलने वाली सजाओं पर सख्त रूल्स बनाने में असुविधा हो रही है। एक भी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद नही
याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा ने बताया कि याचिका के जरिए हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया गया है कि शहर में सीसीटीवी कैमरे भी सही तरीके से इस्तेमाल में नहीं लाए जा रहे हैं। शहर में लगातार स्नैचिंग की कई वारदातें हो रही है, लेकिन एक भी वारदात कैमरे में कैद नही हुई है।