चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अपग्रेडेशन में देरी पर हाईकोर्ट सख्त, पंजाब सरकार पर की यह टिप्पणी
चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तैयार करने में पंजाब सरकार के असहयोग पर तीखी टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने वीरवार को इस मामले में मुख्य सचिव को सोमवार को अदालत में तलब कर लिया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तैयार करने में पंजाब सरकार के असहयोग पर तीखी टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने वीरवार को इस मामले में पंजाब के मुख्य सचिव को सोमवार को अदालत में तलब कर लिया है। चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट की अपग्रेडेशन के संबंध में सुनवाई के दौरान असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल चेतन मित्तल द्वारा पंजाब सरकार पर असहयोग करने का मुद्दा अदालत में उठाए जाने पर चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने तीखी टिप्पणी की। न्यायालय ने कहा कि क्यों न एयरपोर्ट के विकास के लिए पंजाब सरकार से 5000 करोड़ रुपये अदालत में जमा करवा लिए जाएं, अगर राज्य सरकार इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रियल एस्टेट से 10 हजार करोड़ रुपये कमा चुकी है।
एयरपोर्ट से बरसाती पानी की निकासी की नहीं हुई व्यवस्था
हाईकोर्ट की यह टिप्पणी तब आई जब याचिकाकर्ताओं के वकील पुनीत बाली ने कहा कि पंजाब सरकार ने इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास वल्र्ड टे्रड सेंटर, एयरोसिटी और आइटी सिटी जैसे प्रोजेक्टों से करोड़ों रुपये कमाए हैं, परंतु एयरपोर्ट के विकास में यह सहयोग नहीं कर रही। चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास अतिक्रमण और एयरपोर्ट से बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था करने के लिए लापरवाही बरते जाने की जानकारी मिलने पर पंजाब सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को निर्देश देते हुए कहा कि वे एयरपोर्ट की हर सुनवाई पर स्वयं अदालत में पेश हों।
मामले में पंजाब सरकार द्वारा चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट की अपग्रेडेशन में सहयोग न करने का मामला तब उभरा, जब बाली ने अदालत को बताया कि एयरपोर्ट पर कैट-थ्री सिस्टम इंस्टॉल करने के काम को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। जवाब देते हुए मित्तल ने कहा कि पहले कैट थ्री प्रणाली को एक समानांतर रनवे पर लगाया जाना था, जिसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने योगदान देना था, परंतु पंजाब सरकार द्वारा नए रनवे के प्रस्ताव से पीछे हटने पर इसे अब पहले से ही उपलब्ध रनवे पर ही लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कैट थ्री इंस्टॉल करने के लिए पहले 0.6 एकड़ भूमि पंजाब सरकार ने उपलब्ध करवानी थी, परंतु बाद में इसे चंडीगढ़ पर डाल दिया गया।
15 फरवरी को आयोजित बैठक की जानकारी अदालत में पेश
सुनवाई के दौरान एयरपोर्ट के विकास में शामिल सभी स्टेक होल्डरों द्वारा 15 फरवरी को आयोजित की गई बैठक की कार्रवाई की जानकारी भी अदालत में पेश की गई। अदालत को बताया गया कि चंडीगढ़ के उपायुक्त ने एयरपोर्ट के पास अवैध निर्माणों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिए है। बहलाना में लगभग 150 नोटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा, नगर निगम के कमिश्नर और भूमि अधिग्रहण अधिकारी को भी एयरफोर्स स्टेशन के 100 मीटर के दायरे में किसी नए निर्माण को न होने देने के संबंध में निर्देश भेजे जा रहे हैं।